लखनऊ : राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन भत्तों में न्यूनतम 2,500 से 3,000 रुपये की बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है। राज्य वेतन समिति द्वारा भत्तों में बढ़ोतरी की सिफारिश को वित्त विभाग ने अंतिम रूप दे दिया है जबकि सीएम कार्यालय से भी इसे हरी झंडी मिल गई है। जल्द इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग ने राज्य
वेतन समिति की सिफारिशों पर कैंची चलाई है। पूरा प्रस्ताव राज्य के सीमित संसाधनों का हवाला देते हुए तैयार किया गया है।
■ वेतन समिति की सिफारिशों को दिया गया अंतिम रूप
■ अगली कैबिनेट में पेश होगा प्रस्ताव
■ कब से मिलेंगे, इस पर भी कैबिनेट में निर्णय
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार अगली या जुलाई के पहले हफ्ते में होने वाली कैबिनेट के बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देगी। मगर इन भत्तों का भुगतान राज्य सरकार अगले कुछ महीनों में करेगी। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक ज्यादातर लोग इस पक्ष में हैं कि बढ़े हुए भत्तों का लाभ सितंबर या उसके बाद दिया जाए, ताकि लोकसभा के चुनावों में इसका राजनीतिक लाभ लिया जा सके। हालांकि, अभी इसको लेकर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है।
■ कई भत्ते होंगे बंद
कम्प्यूटर भत्ता, स्नाकोत्तर भत्ता, परियोजना भत्ता, कैश हैंडलिंग भत्ता, स्वैच्छिक परिवार कल्याण भत्ता, द्विभाषी प्रोत्साहन और कम्प्यूटर संचालन भत्ता खत्म किया जाएगा। हालांकि, इसमें से कुछ भत्ते जिन कर्मचारियों को मिल रहे हैं, उन्हें इनका लाभ मिलता रहेगा।
■ 3000 ₹ तक बढ़ेगा कर्मचारियों का भत्ता, एचआरए में होगी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
सूत्रों के मुताबिक राज्य कर्मचारियों के भत्तों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी एचआरए में होगी। हालांकि राज्य वेतन समिति ने जो सिफारिशें की थीं, उनके मुताबिक बढ़ोतरी नहीं की जा रही है, लेकिन तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के कुछ भत्तों को दोगुना किया जा सकता है। इसके अलावा सरकारी भ्रमण के दौरान मिलने वाला दैनिक भत्ता और ठहरने पर मिलने वाला विशेष भत्ता, 1200 किमी तक यात्रा पर वाला भत्ता, स्थानांतरण यात्रा भत्ता, नगर प्रतिकर भत्ता, वाहन भत्ता बढ़ाया जाएगा। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मियों का यूनिफॉर्म भत्ता, प्रशिक्षण और शोध संस्थानों में कार्यरत संकाय अधिकारियों का प्रशिक्षण भत्ता बढ़ाया जाएगा।