Searching...
Friday, April 13, 2018

केंद्र सरकार आरक्षण पर जोखिम लेने के मूड में नहीं, सियासी जंग के बीच मोदी सरकार का भर्ती और लंबित प्रमोशन को निबटाने की पहल

5:20 PM

केंद्र सरकार रिजर्वेशन पर जोखिम लेने के मूड में नहीं
‘सरकारी नौकरियों में आरक्षण नियमों का पालन हो, वर्ना ऐक्शन’

आरक्षण पर सियासी जंग के बीच मोदी सरकार ने कहा-पदों को भरने में तेजी दिखाए

•नई दिल्ली : देश में जारी दलित आंदोलन और आरक्षण पर सियासी जंग के बीच केंद्र ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के नियम का पूरी तरह पालन होना सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वे तमाम वर्गों की सीधी नियुक्ति में भी आरक्षण नियम का पूरी तरह पालन करें। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एंड ट्रेनिंग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया कि कई मंत्रालयों और विभागों से शिकायतें मिल रही है कि ऐसे मामले में जब कोई आरक्षित कोटे का व्यक्ति सामान्य वर्ग में ही मेरिट से नौकरी हासिल कर लेता है तो उसे हर हाल में सामान्य श्रेणी में ही गिना जाए और आरक्षित कोटे में न जोड़ा जाए। डीओपीटी के ताजे निर्देश के अनुसार आरक्षण पर बने इस नियम का हर हाल में पालन हो और ऐसा नहीं कर पाने पर गंभीर कार्रवाई की जा सकती है।

सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा गया है कि वे एक महीने में अपने-अपने विभागों में आरक्षित पदों की ताजी स्थिति पर रिपोर्ट दें। खाली पदों को भरने के लिए अपने स्तर पर कदम उठाएं। मालूम हो कि एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरे देश में आंदोलन हुआ और इस मुद्दे के साथ ही आरक्षण का मुद्दा फिर गरम हो गया है। जहां विपक्ष ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश कर रही है तो मोदी सरकार ने इसे दुष्प्रचार बताते हुए कहा कि वह आरक्षण पर प्रतिबद्ध है।

लंबित प्रमोशन को भी निबटाने की पहल

कई विभागों और मंत्रालयों में पिछले डेढ़ साल से किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को प्रमोशन नहीं मिला है। अभी दो हजार से अधिक पद खाली हैं, जो इन सालों में प्रमोशन से भरने थे। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एंड ट्रेनिंग हर महीने केंद्रीय विभागों और मंत्रालयों में काम करने वालों को प्रमोशन देने का आदेश जारी करती रही है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग फैसलों में प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा रखी है। हालांकि इस आदेश को चुनौती भी दी गई है। सरकार इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है, लेकिन अधिकारियों-कर्मचारियों का आरोप है कि कहीं आदेश पर चल रहे वाजिब प्रमोशन को रोकने का आदेश नहीं है। डीओपीटी सूत्रों के अनुसार पिछले महीने इस मामले में लगातार हो विरोध के बाद लॉ मिनिस्ट्री से राय मांगी गयी है। वहां से राय मिलने के बाद प्रमोशन का नियमित दौर फिर से शुरू हो जाएगा।

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स