नई दिल्ली : आधार को संवैधानिक रूप से अनिवार्य करार देने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के निपटारे के बाद सुप्रीम कोर्ट उससे जुड़ी अन्य अर्जियों की सुनवाई करेगा। ऐसी लंबित याचिकाओं में आधार को मतदाता पहचान पत्र और जायदाद की रजिस्ट्री से जोड़े जाने की मांग है।
इस तरह की मांग वाली याचिका अधिवक्ता व भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की है। याचिका में चुनाव आयोग के लिए ऐसे निर्देश की मांग की गई है जिसमें चुनाव की मतदान व्यवस्था आधार से जोड़ दी जाए। इससे ज्यादा से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। फर्जी और गलत मतदान पर भी रोक लगेगी। ऐसा इसलिए हो सकेगा क्योंकि मतदाता के फिंगर प्रिंट का मिलान होने पर ही मतदान हो सकेगा। यह कदम जन प्रतिनिधित्व कानून की मूलभावना के अनुकूल होगा।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, आधार के कानूनी स्वरूप पर फैसला देने के बाद इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी। इसी प्रकार से अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री को आधार से जोड़े जाने की मांग वाली याचिका में तर्क दिया गया है कि इससे बेनामी संपत्ति रखने वालों को बड़ा झटका लगेगा। क्योंकि रजिस्ट्री के आधार से जुड़ते ही सभी संपत्तियों का मूल स्वामित्व स्पष्ट हो जाएगा।