■ आयकर बचाने के चक्कर में गलतबयानी नहीं करें वेतनभोगी करदाता,
■ नियोक्ताओं को दी जाएगी सूचना, की जाएगी कर्मचारियों पर कार्रवाई
नई दिल्ली : आयकर विभाग ने वेतनभोगी आयकर दाताओं को जान-बूझकर गलत आयकर रिटर्न (आइटीआर) भरने के खिलाफ आगाह किया है। विभाग ने करदाताओं से कहा है कि वे कर बचाने के गैरकानूनी तरीकों का इस्तेमाल नहीं करें और आयकर सलाहकारों द्वारा सुझाए ऐसे तरीकों के फेर में मत उलङों।1विभाग ने कहा है कि कर बचाने के फेर में आय कम दिखाने वाले या निवेश बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने वाले ऐसे कर्मचारियों की सूचना उनके नियोक्ताओं को दी जाएगी, और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा जाएगा। विभाग के बेंगलुरु स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) ने एक चेतावनी जारी की है। इसमें वेतनभोगी करदाताओं से ऐसे कर सलाहकारों और प्लानर्स से दूर रहने की हिदायत दी गई है, जो उन्हें कर चोरी के तरीके बताते हैं।
विभाग ने कहा है कि अगर सरकारी कर्मचारी इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सतर्कता विभाग कार्रवाई करेगा। गौरतलब है कि सीपीसी ही कर व्यक्तिगत आयकर दाताओं के कर प्रपत्रों की जांच करता है।विभाग का कहना है कि पिछले कुछ वर्षो के दौरान आइटीआर जांच के वक्त ऐसे कई उदाहरण आए हैं, जिनमें कर चोरी के तरीके स्पष्ट झलकते हैं। इनमें ज्यादातर मामले आय कम बताने, या आयकर बचाने के लिए निवेश की रकम बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने से संबंधित हैं।
विभाग ने कहा कि इस तरह की गलतबयानी आयकर कानून की कई धाराओं के तहत दंडनीय अपराध हैं। इसके साथ ही ऐसे मामलों में रिफंड जारी करने में देरी हो सकती है।असल में इस वर्ष जनवरी में आयकर विभाग ने गलत आइटीआर भरकर ज्यादा रिफंड मांगने वाले एक टैक्स रैकेट का पर्दाफाश किया था। इसके तहत विभाग ने पाया कि बेंगलुरु-स्थित कई सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) कंपनियों के कुछ कर्मचारी कथित तौर पर एक कर सलाहकार के साथ मिलकर ज्यादा रिफंड मांगने संबंधित धोखाधड़ी कर रहे थे।
इस गठजोड़ की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने मामला दर्ज कर लिया है।सलीके से पेश आएं अफसर1विभाग ने अधिकारियों को भी आयकर दाताओं से सलीके के साथ पेश आने की हिदायत दी है। इस सप्ताह सोमवार को जारी एक ताजा दिशानिर्देश में करदाता सेवा निदेशालय (टीपीएस) ने अधिकारियों से कहा है कि वे करदाताओं से बातचीत और अन्य संपर्को के दौरान शिष्टाचार से पेश आएं। टीपीएस ने कहा, ‘यह बेहद महत्वपूर्ण है कि अधिकारियों और कर्मचारियों का व्यवहार शिष्ट, विनम्र और शिकायत से परे हो।’