कहा, खाप पंचायत या किसी और का दखल देना गैरकानूनी
टिप्पणी
अंतरजातीय और दूसरे धर्म में शादी करने वाले प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा और संरक्षण देते हुए ने ऑनर किलिंग पर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि दो वयस्कों की मर्जी से की गई शादी में खाप पंचायत या किसी और का दखल देना गैरकानूनी है। खाप पंचायत या किसी तरह की भीड़ कानून अपने हाथ में नहीं ले सकती। कोर्ट ने ऑनर किलिंग की घटनाएं रोकने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। ऑनर किलिंग रोकने के लिए कानून बनाने की सिफारिश करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब तक कानून नहीं बनता कोर्ट के दिशानिर्देश लागू रहेंगे।1यह फैसला प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र, एएम खानविल्कर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने ऑनर किलिंग और खाप पंचायतों के प्रेमी जोड़ों के खिलाफ फरमानों का मुद्दा उठाने वाले गैरसरकारी संगठन ‘शक्ति वाहिनी’ की याचिका का निपटारा करते हुए सुनाया। फैसले में अदालत ने कहा कि व्यक्ति की पसंद उसकी आजादी और आत्मसम्मान का अहम हिस्सा है। जब किसी की पसंद को आन के नाम कुचला जाता है और उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है तो समाज सिहर उठता है। परिवार के बड़े या घराने धारणाओं और आवेश में पसंद के खिलाफ शादी करने वाले युवाओं का जीवन नहीं छीन सकते। ऐसा करना असंवैधानिक है। संबंधित पेज11।1’>>आन के नाम पर किसी की पसंद का गला नहीं घोंटा जा सकता1’ प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा और उनकी जिंदगी में दखल देने वालों पर कार्रवाई के बारे में जारी किए दिशानिर्देशसामाजिक उत्थान के बावजूद समस्या बरकरार1कोर्ट ने कहा कि लगातार सामाजिक उत्थान के बावजूद ऑनर किलिंग की समस्या उसी तरह बनी हुई है जैसा 1750 बीसी में हम्मूराबी कोड में जिक्र है। इस अपराध में शामिल लोग अपने नैतिक और दार्शनिक तर्को के आधार पर कानून तोड़ने को सही नहीं ठहरा सकते।पसंद का जीवनसाथी चुनना मौलिक अधिकार1दो वयस्कों को अपनी पसंद से एक दूसरे को जीवनसाथी चुनना संविधान के अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की आजादी) और 21 (जीवन का अधिकार) के तहत आता है। इसे क्लास ऑनर के आधार पर खत्म नहीं किया जा सकता।तीन साल में 288 घटनाएं1कोर्ट ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के हवाले से ऑनर किलिंग के मामले भी उद्धत किए। इसके मुताबिक 2014 से 2016 के बीच ऑनर किलिंग की 288 घटनाएं हुईं। 2014 में 28, 2015 में 192 और 2016 में 68 घटनाएं हुईं