पैतृक संपत्ति में हक से वंचित अविवाहित महिलाओं के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। निकट भविष्य में किसी मूल खातेदार किसान की मृत्यु होने पर उसके मृत पुत्र की अविवाहित पुत्री (अविवाहित पोती) को भी पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिल सकेगा। इसके लिए योगी सरकार विधानमंडल के बजट सत्र में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक, 2018 पेश करेगी। विधेयक के प्रारूप को मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई।
राजस्व संहिता में अभी जो प्रावधान है, उसमें मूल खातेदार की मृत्यु होने पर उसकी विधवा, अविवाहित पुत्री और पुत्रदि (पुत्र/पुत्र का पुत्र आदि) उसकी संपत्ति के प्रथम श्रेणी के उत्तराधिकारी होते हैं। अभी जो व्यवस्था प्रचलित है, उसमें मान लीजिए कि मूल खातेदार की मृत्यु होने से पहले उसके पुत्र की भी मौत हो चुकी है। ऐसी स्थिति में मूल खातेदार की मृत्यु होने पर यदि उसके मृत पुत्र का एक पुत्र और एक अविवाहित पुत्री है तो संपत्ति पर हक मृत पुत्र के पुत्र का ही होता है, अविवाहित पुत्री (अविवाहित पोती) को इसमें हिस्सा नहीं मिलता है।
इसी तरह यदि दो भाइयों को मृत पिता की संपत्ति में हिस्सा मिला है और इनमें से एक निसंतान है तो बाद में उसकी और पत्नी की मृत्यु होने पर उसके भाई के पुत्र का तो उसकी संपत्ति पर उत्तराधिकार है लेकिन भाई की अविवाहित पुत्री (भतीजी) का नहीं।
कैबिनेट की बैठक के बाद जानकारी देते स्वास्थ्य मंत्री सिद्घार्थनाथ सिंह।