यूपी में खत्म होंगे एक हजार बेकार के कानून, सरकार लाएगी आगामी सत्र में विधेयक।
लखनऊ : निवेश की अपार संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने ऐसे कानूनों को खत्म करने का फैसला किया है जो दस्तावेजों में बेवजह का बोझ बने हुए थे। यह कानून अंग्रेजों के शासनकाल में बने थे और भारतीय संविधान के अस्तित्व में आने के बाद इनकी अहमियत न के बराबर रह गई है। उत्तर प्रदेश में ऐसे कानूनों की संख्या लगभग एक हजार है जिन्हें योगी सरकार ने खत्म करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार विधेयक लाएगी।
जिन कानूनों को खत्म करने का फैसला किया है, उनमें बड़ी संख्या 1902 में ब्रिटिश शासनकाल में गठित संयुक्त प्रांत (यूनाइटेड प्राविंस) में बनाये गए थे। आजादी के बाद इन कानूनों के स्थान पर दूसरे कानून बनते रहे और धीरे-धीरे ये बेकार और अप्रचलित होते गए। फिर भी प्रदेश की सरकारों ने इन्हें खत्म करने पर ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस घोषणा के बाद कि हर दिन एक कानून खत्म किया, जाएगा, राष्ट्रीय विधि आयोग ने इसकी समीक्षा की तो यह निष्कर्ष सामने आया कि वर्तमान में बहुत से कानूनों की जरूरत नहीं रह गई है।
राज्य के विधि मंत्री ब्रजेश पाठक के अनुसार विधि आयोग ने सभी राज्यों को सलाह दी थी कि अनुप्रयुक्त हो चुक कानूनों को खत्म किया जाए।