लखनऊ : उत्तर प्रदेश का कोई जवान अगर सीमा पर लड़ते हुए या आतंकियों से मुकाबला करते हुए शहीद होता है तो योगी सरकार शहीद सैनिक के किसी एक आश्रित को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी देगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।
इसका लाभ थल, जल और वायु सेना में कार्यरत सैनिकों व अधिकारियों के साथ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), इंडो-तिब्बत बार्डर पुलिस (आइटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), असम राइफल्स और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स जैसे अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मिलेगा।
उप्र के लोग बड़ी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों में काम करते हैं। स्वाभाविक है कि सीमा पर या आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ सेना व अर्धसैनिक बलों द्वारा चलायी जा रही मुहिम में प्रदेश के निवासी जवान सर्वाधिक संख्या में शहीद भी होते हैं। शहीद होने वाले युवा होते हैं। उनकी पूरी गृहस्थी कच्ची होती है। उनके परिजनों के लिए यह बेहद भावुक पल होता है। ऐसे में उनकी किसी भी मदद का संदेश दूरगामी होता है। केंद्र और राज्य सरकारें शहीदों के परिवारीजन की नियमानुसार मदद करती हैं, पर अभी तक उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी का प्रावधान नहीं है।