नई दिल्ली : आधार कार्ड की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों को देखते हुए कुछ बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। अब विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) वर्चुअल आइडी की शुरुआत करने जा रहा है। अब सुविधाओं का लाभ लेने के लिए अंकों वाला आधार नंबर देना अनिवार्य नहीं होगा। इसके बदले वर्चुअल आइडी का इस्तेमाल कर सकेंगे। एक जून से सभी एजेंसियों को इसे लागू करना होगा।
यह वर्चुअल आइडी 16 अंकों की होगी और इसे आधार की वेबसाइट से जनरेट किया जा सकेगा। इससे लोगों की पहचान सुरक्षित रहेगी। साथ ही ‘अपने ग्राहक को जानो’ की सुविधा को भी सीमित किया जाएगा। वर्चुअल आइडी हर जगह आधार नंबर देने की मजबूरी खत्म कर देगी। इससे आधार के विवरण मसलन नाम, उम्र, पता आदि भी सुरक्षित रखे जा सकेंगे।
■ देश में 119 करोड़ आधार कार्ड: यूआइडीएआइ ने कहा है कि हाल के दिनों में आधार की निजता को लेकर कई सवाल उठे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए आधार को और मजबूत करने के लिए नई प्रक्रियाएं शुरू की गई हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक देश में 119 करोड़ आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं। बैंक, टेलीकॉम, सार्वजनिक वितरण और आयकर जैसे विभागों में इसका उपयोग किया जा रहा है।
■ क्या है वर्चुअल आइडी: यह 16 अंकों की अस्थायी आइडी होगी, जो आधार नंबर से जनरेट की जाएगी। इससे किसी भी व्यक्ति का आधार नंबर नहीं निकाला जा सकेगा। इससे संबंधित व्यक्ति का नाम, पता, फोटो का सत्यापन हो जाएगा। कोई भी व्यक्ति जितनी बार चाहे, वर्चुअल आइडी बना सकेगा। हालांकि, नई आइडी बनते ही पुरानी आइडी खत्म हो जाएगी। जब भी ‘अपने ग्राहक को जानो’ की जरूरत होगी, तब फिंगर प्रिंट के साथ वर्चुअल आइडी का इस्तेमाल किया जा सकेगा। वर्चुअल आइडी की नकल नहीं की जा सकेगी।
■ एक मार्च से मिलेगी सुविधा : यूआइडीएआइ के अनुसार, यह सुविधा एक मार्च से शुरू होगी और एक जून से सभी एजेंसियों को इसे लागू करना अनिवार्य होगा। यदि कोई एजेंसी इसके बाद वचरुअल आइडी स्वीकार करने से इन्कार करती है, तो उस पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाएगा।