■ आगामी बजट सत्र में संशोधित विधेयक पारित होने की संभावना
नई दिल्ली : देश में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को जल्द ही अच्छी खबर मिल सकती है। आगामी बजट सत्र में ग्रेच्युटी को लेकर संशोधन विधेयक पारित होने की उम्मीद है। इसके पारित होने से 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी टैक्स छूट के दायरे में आ जाएगी। अभी संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर टैक्स नहीं देना पड़ता है। सातवें वेतन आयोग में सरकारी कर्मचारियों के लिए कर मुक्त ग्रेच्युटी की सीमा 20 लाख रुपये कर दी गई थी।
सूत्रों के मुताबिक, बजट सत्र में ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2017 पेश किया जाएगा। इसे शीतकालीन सत्र में संसद के समक्ष रखा गया था। आगामी सत्र में इसके पारित होने की उम्मीद है। सरकार संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी सरकारी कर्मचारियों की ही तरह टैक्स छूट के दायरे में आने वाली ग्रेच्युटी की सीमा को 20 लाख रुपये करना चाहती है। संसद से विधेयक पास होने के बाद सरकार को छूट के दायरे में आने वाली ग्रेच्युटी की सीमा को दोबारा तय करने की जरूरत नहीं रह जाएगी। फिलहाल संगठित क्षेत्र में काम करने वालों को पांच साल या उससे ज्यादा की सर्विस पर 10 लाख रुपये तक की ग्रैच्युटी पर टैक्स छूट मिलती है।
यह विधेयक पारित होने के बाद, सरकार को केंद्रीय कानून के तहत मातृत्व अवकाश की अवधि और ग्रैच्युटी को नोटिफाई करने की अनुमति मिल सकेगी। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने 18 दिसंबर, 2017 को लोकसभा में यह विधेयक पेश किया था। मौजूदा पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट, 1972 को फैक्टियों, खदानों, तेल क्षेत्रों, बंदरगाहों, रेलवे कंपनियों आदि संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों के ग्रेच्युटी भुगतान के लिए लागू किया गया था।