अरविंद पांडेय, नई दिल्ली : दलित और आदिवासियों (एससी-एसटी) के साथ होने वाले अत्याचारों पर अब उन्हें पहले के मुकाबले ज्यादा आर्थिक मदद मिलेगी। हत्या या दिव्यांगता की स्थिति में उनके परिवारों को अब सवा आठ लाख रुपए मिलेंगे, जबकि एससी-एसटी वर्ग की दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं को पांच लाख रुपए मिलेंगे। केंद्र सरकार ने अंबेडकर फाउंडेशन की ओर से दलित और आदिवासियों के साथ होने वाले अत्याचारों पर दी जाने वाली मदद की राशि में यह बढ़ोतरी की है। अब तक इस स्कीम के तहत सिर्फ एसटी के साथ होने वाले अत्याचारों पर ही मदद दी जाती थी। इसमें हत्या पर पांच लाख और दिव्यांगता पर तीन लाख और डेढ़ लाख रुपए की मदद देने की प्रावधान था।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय के अधीन काम करने वाले अंबेडकर फाउंडेशन ने एसटी-एसटी के साथ होने वाले अत्याचारों पर दी जाने वाली मदद की स्कीम में भी कई बड़े बदलाव किए हैं। इसके तहत स्कीम में पहली बार एससी के साथ एसटी को भी शामिल किया है। अब तक इस स्कीम के तहत सिर्फ एससी को ही आर्थिक मदद दी जाती थी। इसके अलावा स्कीम के तहत दी जाने वाली धनराशि की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। यह राशि अब सीधे पीड़ित परिवार के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। वहीं मदद राशि का भुगतान भी दो हिस्सों में होगा, इनमें आधी राशि अब हत्या की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलते ही जारी की जाएगी, जबकि आधी राशि कोर्ट में चार्जशीट पेश होने पर दी जाएगी। अंबेडकर फाउंडेशन की ओर से दलितों के साथ होने वाले अत्याचारों पर दी जाने वाली मदद के लिए तैयार की गई इस स्कीम में इससे पहले वर्ष 2013 में बदलाव किया गया था।
अंबेडकर फाउंडेशन ने दलितों और आदिवासियों को दी जाने वाली मदद में यह बढ़ोतरी राज्यों की ओर से इन्हें मिलने वाली मदद की राशि में बढ़ोतरी के बाद की गई है। फाउंडेशन ने ¨हसा के चलते बेघर दलित और आदिवासियों की मदद का भी प्रावधान रखा है। इन्हें बेघर होने की दशा में तीन लाख रुपए की मदद मिलेगी। पीड़ित परिवारों को मदद के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से फाउंडेशन को आवेदन करना होगा। फिलहाल फाउंडेशन की इस पहल को सरकार की दलितों और आदिवासियों के साथ बढ़ती हमदर्दी से जोड़कर देखा जा रहा है।
■ हत्या या दिव्यांगता पर सवा आठ लाख, जबकि दुष्कर्म पर पांच लाख
■ बदली स्कीम में एससी के साथ एसटी भी स्कीम के दायरे में