भाजपा नीत राजग सरकार ने संसद को स्पष्ट किया है कि संपत्ति के खरीदने और बेचने को आधार से लिंक करना अनिवार्य नहीं है। लोकसभा में मंगलवार को लिखित उत्तर में हाउसिंग और अर्बन अफेयर (स्वतंत्र प्रभार) के केंद्रीय राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रलय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 के प्रावधानों के तहत संपत्ति की रजिस्ट्री के समय वह आधार को उससे जोड़ने के संबंध में संपत्ति खरीददार और विक्रेता से उसकी अनुमति ले।
उल्लेखनीय है कि सरकार का संसद में यह बयान इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि पिछले महीने केंद्रीय राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने कहा था कि संपत्ति के लेन-देन को आधार से जोड़ना एक अच्छा विचार है। चूंकि सरकार बैंक खातों को भी आधार से जोड़ रही है, इसलिए संपत्ति बाजार के लिए भी इस संबंध में कुछ अतिरिक्त कदम उठाने होंगे। इस मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि संपत्ति के लेन-देन में आधार को लिंक करना अनिवार्य नहीं है। सरकार के यूनिक पहचान नंबर को किसी समयसीमा में संपत्ति की खरीद-फरोख्त से जोड़ने का विचार करने के संबंध में उन्होंने स्पष्ट कहा कि इसका सवाल ही नहीं उठता।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बेनामी संपत्ति वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। इसलिए यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि इसी दिशा में संपत्तियों का लेन-देन भी आधार से लिंक किया जाएगा। बेनामी संपत्ति वह कहलाती है जो कराधान से बचने या कालेधन की खपत के लिए किसी और के नाम पर खरीदी गई हो।