■ रंग लाया मुख्य सचिव का प्रयास अभी 38325 पदों पर प्रोन्नति बाकी
■ दीपक त्रिवेदी ने पदोन्नति से भरे जाने वाले रिक्त पदों की समीक्षा की
■ न्यायालय में लंबित मामलों और नियमावली में संशोधन के चलते भी पदोन्नति की प्रक्रिया हो रही बाधित
लखनऊ : व्यवस्था में सुधार के लिए सरकारी कर्मियों की प्रोन्नति पर जोर है। मुख्य सचिव राजीव कुमार के करीब चार माह के प्रयास के बाद अब तक 16239 सरकारी सेवकों को प्रोन्नति की मिली है। इनमें 7236 ने अपना कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। जैसे-जैसे पद रिक्त होंगे बाकी लोगों को भी तैनाती मिल जाएगी। हालांकि अभी भी 38325 पदों पर प्रोन्नति होनी बाकी है।
गुरुवार को अपर मुख्य सचिव नियुक्ति व कार्मिक दीपक त्रिवेदी ने पदोन्नति से भरे जाने वाले रिक्त पदों की विभागवार समीक्षा की। पहले करीब 48 हजार ऐसे पद चिह्न्ति हुए थे जिनमें 12 हजार को पदोन्नति मिली थी। गुरुवार की समीक्षा में यह आंकड़ा बढ़ गया। पदोन्नति भरे जाने वाले पदों की संख्या 54564 हो गई। त्रिवेदी ने अफसरों से 38325 पदों पर पदोन्नति न हो पाने की वजह पूछी तो कई तरह की दिक्कतें सामने आई। अव्वल तो वरिष्ठता को लेकर बहुत से मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। न्यायालय में मामला होने की वजह से उन पदों पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है।
कई विभागों में नियमावली में भी संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया पूरी होते ही रिक्त पद प्रोन्नति के जरिये भर दिए जाएंगे। इसके अलावा बहुत से लोगों के एसीआर पूर्ण नहीं हैं। उन्होंने जल्द से जल्द अधूरी कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने दस नवंबर को एक बैठक कर इसकी समीक्षा की थी।