नई दिल्ली : कई शुल्कों में संशोधन के बाद अब नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश करना जेब पर भारी हो गया है। हाल में पेंशन नियामक ने एनपीएस में लिए जाने वाले कई शुल्कों पुनरीक्षण किया है। नई व्यवस्था में एनपीएस का वितरण करने वाली एजेंसियों को कई तरह के शुल्क लेने का प्रावधान किया है। नई व्यवस्था में पीओपी (जिसमें बैंक भी शामिल हैं) को एनपीएस में निवेश को बढ़ावा देने पर कई तरह के लाभ मिलेंगे। पर इसका बोझ निवेशकों पर ही पड़ेगा।
पेंशन में निवेश करने वाले लोगों ने पेंशन फंड मैनेजमेंट चार्ज (पीएफएम) वसूला जाता है। पर अब आपको तीन अन्य मद में भी एनपीएस में निवेश करने पर शुल्क चुकाना होगा। ये वो शुल्क हैं जो सेंट्रल रिकॉर्ड कि¨पग एजेंसी (सीआरए) और एनपीएस ट्रस्ट को देते हैं। पहले क्या थी स्थिति:शुल्क में ताजा वृद्धि के पहले एनपीएस के लिए प्रवेश शुल्क125 रुपये था। अब 75 रुपये अधिक देने होंगे। वहीं ई-एनपीएस में जमा पर पहले न्यूनतम पांच रुपये शुल्क कटता था जो 10 रुपये कटेगा।
अग्रिम शुल्क : एनपीएस में अग्रिम शुल्क सीधे आपकी निवेश की गई राशि से ही काट लिया जाता है। इसके बाद हर निवेश पर 0.25 फीसदी रेकरिंग चार्ज आपको देना पड़ता है। इस तरह के शुल्क वसूले जाने के बाद आपके निवेश पर असर पड़ता है। कटौती के कारण निवेश की नेट एसेट वैल्यू कम हो जाती है।