लखनऊ। राज्य कर्मियों को दी जाने वाली कैशलेस इलाज की सुविधा अधर में लटकी नजर आ रही है। 31 मई तक राज्यकर्मचारियों के कार्ड बनाए जाने थे तो केवल 15 प्रतिशत कर्मियों के ही बन पाये हैं। यही नहीं अभी तक सरकार इस योजना के लाभ लेने के लिये अस्पतालों को भी चिन्हित नहीं कर पाई है। इन सारी समस्याओं को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर चिकित्सा सुविधा प्रदान किये जोन की धीमी प्रगति को तेज किये जाने की मांग की थी।
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हरि किशोर तिवारी ने बताया कि वर्तमान सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना रख दिया है। उन्होंने बताया कि खेद का विषय है कि अभी तक हेल्थ कार्ड 15 से 20 प्रतिशत ही बन पाये हैं। जबकि अंतिम तिथि मई 2017 निर्धारित की गई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से हेल्थ कार्ड बनाने की प्रक्रिया को गति प्रदान कराने और अस्पतालों से अनुबंध कर कर्मियों को लाभ दिलाने की आवश्यक कार्रवाई जल्द करने का अनुरोध किया।
कर्मचारी नेताओ का कहना है कि जिसपर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने शासन के अधिकारियों से जल्द इन समस्याओं को दूर करते हुए योजनाओं का लाभ राज्यकर्मचारियों को दिलाने के लिये निर्देशित किया है।