लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने लोकायुक्त को आरटीआई के दायरे से बाहर करने वाली सरकारी अधिसूचना रद कर दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार और अफसरों-कर्मचारियों की लूट की मानसिकता पर कड़ी टिप्पणी की।
कोर्ट ने कहा कि लोकायुक्त बनाने का मूल उद्देश्य ऐसी स्वतंत्र इकाई की स्थापना करना है, जो लोक सेवकों के भ्रष्टाचार की जांच कर सके। यूपी में सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मामले बड़ी संख्या में सामने आते हैं लेकिन उन्हें सजा दिलवाने के लिए प्रभावी जांच और अभियोजन की कार्यवाही नहीं हो पाती। ऐसे अफसरों-कर्मचारियों को विश्वास है कि वे कुछ भी लूट सकते हैं। कोई भी उनसे उनका लूट का माल छीन नहीं सकता। भ्रष्टाचार के लिए सजा मिलने का प्रश्न पहले तो उठेगा ही नहीं और अगर कुछ होता भी है तो घोंघे की गति से चलने वाली जांच, अभियोजन और न्यायिक प्रक्रिया उनके लिए सुरक्षा कवच का काम करेगी। अंत में वे और उनके पारिवारिक सदस्य हर तरह से जीत जाएंगे।