लखनऊ : उप्र के विकास को गति देने और प्रशासनिक सुधार की दृष्टि से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी विभागों का आपस में विलय और पुनर्गठन करेंगे। इसके लिए वह जल्दी बैठक भी बुलाएंगे। सूबे के विकास के लिए बनाये गए एक्शन प्लान पर अमल की समीक्षा करने के लिए गुरुवार को अपनी टीम के साथ आये नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.राजीव कुमार से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें यह आश्वासन दिया है। नीति आयोग उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री की ओर से दिये गए इस आश्वासन की जानकारी मीडिया को दी।
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नीति आयोग की टीम ने उप्र के एक्शन प्लान को अमली जामा पहनाने के लिए गठित नौ उप समूहों की रिपोर्ट पर हुई प्रगति की योजना भवन में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की मौजूदगी में समीक्षा की। यह उप समूह पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम विकास, पेयजल एवं स्वच्छता, सिंचाई एवं जल संसाधन, उद्योग, कृषि और शहरी विकास के संदर्भ में गठित किये गए हैं। बैठक के बाद आयोग की टीम ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर एक्शन प्लान पर हुए अमल के बारे में उन्हें फीडबैक दिया। मुख्यमंत्री ने आयोग की टीम को सरकार की उपलब्धियां बताने के साथ आश्वस्त किया कि उप्र के विकास के लिए एक्शन प्लान को पूरी तत्परता और प्रतिबद्धता से लागू किया जाएगा। आयोग के उपाध्यक्ष ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उप्र के विकास के संदर्भ में दिल्ली में आने वाली रुकावटों को दूर कराने की वह पुरजोर कोशिश करेंगे।
योगी से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब आयोग के उपाध्यक्ष एक्शन प्लान को लागू किये जाने की दशा और दिशा से संतुष्ट नजर आए। अलबत्ता उन्होंने कहा, उप्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने रफ्तार पकड़ ली है लेकिन, रियल एस्टेट में मंदी के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को आगे बढ़ाने में मुश्किलें आ रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए हमें और कोशिश करनी होगी। इस योजना के आगे बढ़ने से शहरों में आर्थिक गतिविधियां और रोजगार तेजी से बढ़ेंगे। डॉ.राजीव ने कहा, अक्टूबर 2018 तक पूरे उप्र को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। केंद्र से सहायता दिलाने में कुछ कठिनाइयां आ रही हैं जिन्हें दूर कराया जाएगा।
देश के 200 सबसे पिछड़े जिलों में 53 उप्र के हैं। देश का विकास इन जिलों की तरक्की पर निर्भर है। समीक्षा बैठक में मौजूद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि उप्र के विकास के लिए बनाये गए एक्शन प्लान पर अमल की हर तिमाही में समीक्षा होगी, जिसमें योजना आयोग उपाध्यक्ष भी शामिल होंगे। जनवरी में प्रस्तावित पहली समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित करने का सुझाव दिया गया है।
मुख्य सचिव राजीव कुमार ने बताया कि नीति आयोग ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए केंद्र की ओर से आर्थिक सहायता की संस्तुति की है। यदि केंद्र से मदद नहीं मिली तो भी राज्य सरकार अपने संसाधनों से पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण कराएगी।