लखनऊ : प्रदेश में रिक्त पदों को पदोन्नति से भरने में विभागों की लापरवाही को मुख्य सचिव राजीव कुमार ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने विभागों को इसके लिए तीन दिन का अवसर दिया है और कहा है कि इस बीच तय प्रोफार्मा पर यह जानकारी उपलब्ध करा दी जाए। उनकी ओर से सभी अपर मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों को पत्र भेजा गया है। मुख्य सचिव ने इस बाबत 30 नवंबर को बैठक बुलाई है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार हाल ही में 12 हजार पदों को प्रोन्नति के जरिए भर चुकी है। लगभग 36 हजार रिक्त पदों पर प्रोन्नति होनी शेष है। इसके लिए कुछ दिन पहले ही मुख्य सचिव ने गाइड लाइन्स भी तय की है अभ्यर्थियों के चयन के लिए विभागीय चयन समिति अपनी विधि और प्रक्रिया का निर्धारण करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं।
सेलेक्ट पैनल में शामिल अधिकारियों को सिर्फ दो वर्गो उपयुक्त और अनुपयुक्त वर्ग में ही बांटा जाएगा। अनुपयुक्त वर्ग में शामिल अधिकारियों की पदोन्नति नहीं की जाएगी। मूल्यांकन सेवा पुस्तिका में उनकी अंतिम दस वर्ष का प्रविष्टियों के आधार पर किया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई में पंद्रह दिन के भीतर ही चार्जशीट दे दी जाए। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के विशेष सचिव अशोक कुमार श्रीवास्तव की ओर से जारी पत्र में यह भी बताया गया है कि 30 नवंबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उनके सभा कक्ष में इस बाबत बैठक आहूत की गई है।