रेलवे ने ग्रुप डी में कार्यरत कर्मचारियों के ऐच्छिक सेवानिवृत्त होने पर उनके पुत्र-पुत्री को मिलने वाली नौकरी पर रोक लगा दी है। लारजेस योजना के तहत मिलने वाला लाभ अब कर्मचारियों को नहीं मिलेगा।
■ रेलवे ने लारजेस योजना पर मिलने वाले लाभ पर लगाई रोक
■ ऐच्छिक सेवानिवृत्ति होने पर बच्चों को नौकरी का था प्रावधान
नेशनल फेडरेशन ऑफ रेलवे ने इसका विरोध करते हुए 15 नवंबर को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को चिट्ठी लिखकर रेल कर्मियों में इसे लेकर पनप रहे रोष का जिक्र किया है। रेलवे में कार्यरत ग्रुप डी (संरक्षा से जुड़े) कर्मचारियों के लिए लारजेस योजना बड़ी राहत भरी थी। इसके तहत वे 50 से 55 साल की उम्र में ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद अपने बच्चों को रेलवे में नौकरी के लिए लिए आवेदन करवा सकते थे।
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इस योजना में लिखित परीक्षा नहीं देनी होती थी। बच्चों को अनुकंपा के आधार पर सीधी नियुक्ति मिल जाती थी। इससे पहले बच्चों की मेडिकल के आधार पर नियुक्ति होती रही। इसी बीच योजना को गलत ठहराने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंचा जहां रेलवे को इस योजना के तहत नौकरी देने के लिए दोबारा से रिव्यू करने के आदेश दिए गए हैं।
मामला रेलवे बोर्ड पहुंचा, जहां 27 अक्टूबर को रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को लारजेस के तहत नौकरी देने की व्यवस्था पर रोक लगा दी। इन आदेशों की प्रतिलिपि मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) ऑफिस पहुंच चुकी है।
■ मंडल स्तर पर ही मिल जाती थी नौकरी : लारजेस योजना के तहत मंडल स्तर पर ही नौकरी मिल जाती थी। इस योजना का लाभ उठाने वाले कर्मी लिखित में आवेदन करते थे कि वे अब ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं, इसकी जगह उनके बेटे या बेटी को नौकरी दी जाए। इसके बाद मेडिकल पर नियुक्ति टिकी होती थी।