नई दिल्ली : एससी-एसटी को प्रोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने विचार के लिए संविधान पीठ को भेज दिया है। जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस आर. भानुमति की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 145 (3) के तहत मामले को संविधान पीठ को सुनवाई के लिए भेजा है। कोर्ट ने आदेश दिया कि संविधान पीठ के गठन के लिए मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाए। याचिकाकर्ता अंतरिम राहत की मांग भी संविधान पीठ से ही करेंगे।
पांच पांच न्यायाधीशों की दो पीठों के दो मामलों ईवी चेन्नैया और एम नागराज के फैसलों में अंतर होने के कारण इस मामले को संविधान के अनुच्छेद 16(4)(ए) और 16 (4)(बी) तथा 335 की व्याख्या के लिए संविधानपीठ को भेजा गया है। मामला अनुच्छेद 145(3) के तहत भेजा गया है जो संवैधानिक प्रावधान की व्याख्या से जुड़े मामले पर संविधानपीठ के सुनवाई करने की बात कहता है। ये मामला बहुत महत्वपूर्ण है और इससे एससी एसटी को प्रोन्नति में आरक्षण के मामले में पिछले 11 वर्षो से चली आ रही व्यवस्था बदल सकती है। चूंकि पांच-पांच न्यायाधीशों की दो पीठों के अलग-अलग फैसले हैं। ऐसे में यह मामला सात न्यायाधीशों की पीठ को जा सकता है।