■ विभागाध्यक्षों के अधीन होंगे तैनात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार शासन के कामकाज में क्रांतिकारी बदलाव करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश में तैनात 81 हजार अफसरों की सेवा शर्तों का बोझ शासन से हटाने की तैयारी है। केवल 500 अधिकारी शासन स्तर पर अधिष्ठान (इस्टेब्लिशमेंट) के कामकाज के लिए रह जाएंगे। बाकी सभी विभागाध्यक्षों के अधीन कर दिए जाएंगे।
नई व्यवस्था: इस व्यवस्था से सचिवालय का विशेष अधिकार समाप्त हो जाएगा। उच्चस्तरीय सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार ने नई व्यवस्था के लिए कैबिनेट प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस पर मुख्य सचिव राजीव कुमार के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति व कार्मिक दीपक त्रिवेदी ने सभी विभागों के प्रमुखों से राय मांगी है। इसके लिए यूपी कार्य संचालन नियमावली में संशोधन होगा।
अब यूपी सरकारी अधिकारियों के अधिष्ठान अधिकारों का प्रतिनिधायन नियमावली-2017 लागू की जाएगी। जिससे राज्य सेवा के विभागाध्यक्ष और उनके समकक्ष व इसके ठीक एक पंक्ति नीचे के स्वीकृत पदों के अधिकारियों तथा न्यायिक सेवा के क्लास-टू श्रेणी से ऊपर के गजटेड अफसरों को बर्खास्त, पदावनत या अनिवार्य रिटायरमेंट के मामले ही सीएम तक आएंगे।