लखनऊ : दशहरा और मुहर्रम में जेब खाली न रहे, इसलिए राज्य सरकार ने पिछले महीने 29 तारीख तक राज्य कर्मचारियों को वेतन देने का आदेश तो दिया था, लेकिन कर्मचारियों का वेतन का इंतजार अब तक खत्म नहीं हुआ है। मुख्यालयों और निदेशालयों में तो कुछ जगह फिर भी वेतन आ गया, जबकि कुछ मुख्यालयों सहित कई जिलों में अक्टूबर के नौ दिन बीतने के बाद भी सोमवार तक वेतन नहीं पहुंच पाया था।
वेतन वितरण में देर से राज्य कर्मचारी आशंकित हैं कि उन्हें दीपावली से पहले वेतन मिल पाएगा या नहीं। कर्मचारियों ने देर के लिए उसी ऑनलाइन प्रणाली को जिम्मेदार ठहराया है, जिसे कर्मचारियों तक जल्द वेतन पहुंचाने की मंशा से लागू किया गया था। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने बताया कि करीब छह महीने पहले तक वेतन का बिल ट्रेजरी से बनता था, लेकिन अब ऑनलाइन व्यवस्था के तहत विभागों को ही वेतन बिल बनाने का जिम्मा सौंपा गया है।
विभागों के कर्मचारी हर महीने की औसतन 25 तारीख से बिल बनाने का काम शुरू करते हैं जिससे कर्मचारियों के खाते में महीने का पहला हफ्ता बीतने के बाद ही वेतन पहुंच पा रहा है। इस बार सरकार ने तो जल्द वेतन देने की घोषणा कर दी पर इसके लिए जल्द तैयारी शुरू नहीं की, जिससे न तो समय से वेतन बिल बन पाए और न ही कर्मचारियों को वेतन मिल पाया। कर्मचारी संगठनों के मुताबिक इस वजह से जिलों में स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, वन व ग्राम्य विकास सहित अन्य विभागों में वेतन नहीं पहुंच पाया है। वन विभाग के मुख्यालय में दो दिन पहले वेतन पहुंचा है जबकि सिंचाई विभाग में तो अभी मुख्यालय के कर्मचारियों को ही वेतन नहीं मिल पाया है।