लखनऊ : लोक निर्माण विभाग ने पचास साल से ऊपर के दागी और कार्य में शिथिल अभियंताओं की स्क्रीनिंग कर ली है। इस सूची में 205 नाम हैं जिनमें 127 अधिशासी अभियंता और 78 सहायक अभियंता शामिल हैं। प्रमुख अभियंता वीके सिंह के अनुसार यह सूची शासन को भेज दी गई है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों के प्रमुखों को पचास साल से ऊपर के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करने का आदेश दिया था। लोक निर्माण विभाग में 16 अवर अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंताओं की स्क्रीनिंग भी की जा रही थी। 127 अधिशासी अभियंता और 78 सहायक अभियंताओं के नाम शासन को भेजे गए हैं। अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण सदाकांत ने बताया कि शासन को भेजे गए नामों में से छह मामले में नोटिस आदि दी गई है। जवाब आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने इस तरह की कार्रवाई पर एतराज जताया है।
संघ के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने मंगलवार को बैठक बुलाई है। इसमें इस प्रकरण को रखा जाएगा। वैसे लोक निर्माण विभाग में कई अभियंताओं के खिलाफ पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। पिछले माह ही उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उन्नाव के तत्कालीन अधिशासी अभियंता को निलंबित करते हुए 88 अभियंताओं को चेतावनी दी थी।
■ गन्ना विभाग के तीन कर्मियों की सेवा समाप्त
लखनऊ : सहकारी गन्ना समितियों व गन्ना संघ के तीन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गयी हैं। आयुक्त गन्ना व चीनी संजय आर भूसरेड्डी के निर्देश पर जौनपुर के जिला गन्ना सेवा प्राधिकरण में लिपिक भानु प्रताप सिंह को कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन कर हत्या जैसे जघन्य अपराध में शामिल होने के कारण बर्खास्त कर दिया गया है।
इसके अलावा गन्ना विकास संघ के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हरीदास को 50 वर्ष की आयु पूरी करने व सेवा संतोषजनक नहीं मिलने पर सेवानिवृत कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त सहकारी गन्ना समिति उतरौला जिला बलरामपुर के पर्ची वितरक गिरधारी लाल की सेवा भी समाप्त कर दी गयी है।
■ वन विभाग के 10 अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार वन विभाग के 10 अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने जा रही है। इनमें चार भारतीय वन सेवा के अधिकारी व छह प्रांतीय वन सेवा के अधिकारी शामिल हैं। विभाग ने इनकी सूची तैयार कर ली है। एक-दो दिनों में इनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश जारी हो जाएगा।
प्रदेश की भाजपा सरकार ने 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके उन अफसरों व कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त करने का फैसला किया है जिनका काम-काज ठीक नहीं है। हर विभाग में ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को रिटायर किया जा रहा है। वन विभाग में भी 10 अफसरों की सूची तैयार हो गई है। ये वह अफसर हैं जिनका कार्य ठीक नहीं है। विभाग ने यह फाइल उच्च स्तर पर अनुमोदन के लिए भेज दी है। भारतीय वन सेवा के अफसरों को जबरन रिटायर करने के लिए केंद्र सरकार से भी अनुमति लेनी होगी।