इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि, अपीलीय न्यायालय को अधीनस्थ न्यायालय की पत्रावली के आधार पर ही फैसला लेने का अधिकार है। वह अलग से साक्ष्य नहीं ले सकता। लेकिन विशेष परिस्थितियों में सिविल प्रोसीजर कोड (सीपीसी) के उपबंधों के आधार पर अपील की सुनवाई करते समय भी साक्ष्य लिया जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि, यदि पक्षकार को विचारण न्यायालय ने साक्ष्य पेश करने का अवसर दिया है और वह साक्ष्य नहीं देता तो, अपील की सुनवाई करते समय उसे साक्ष्य पेश करने की छूट नहीं मिल सकती।
कोर्ट ने आगे कहा कि, वकील की गलत सलाह के चलते साक्ष्य नहीं पेश किया या साक्ष्य केस के फैसले के लिए अति आवश्यक है, तो इस आधार पर अपील की सुनवाई करते समय साक्ष्य पेश करने की छूट नहीं मिल सकती। केवल अपरिहार्य कारणों से ही अपील की सुनवाई करते समय साक्ष्य पेश करने की छूट दी जा सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने अपील की सुनवाई करते समय साक्ष्य पेश करने की अर्जी निरस्त करने के अधीनस्थ न्यायालय के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। यह आदेश जस्टिस एस पी केशरवानी ने भदोही निवासी प्रहलाद व सात अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।