नई दिल्ली, प्रेट्र : भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के प्रमुख केवी चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार के जिन कर्मचारियों ने नोटबंदी के बाद प्रतिबंधित हजार और 500 के नोट जमा किए हैं, उनके खिलाफ जांच होगी। सीवीसी ने इस संबंध में आयकर विभाग से आंकड़े मांगे हैं।
सतर्कता आयोग के अध्यक्ष चौधरी ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा कि आमतौर पर आयोग ने ग्रुप ए और ग्रुप बी के अधिकारियों की पड़ताल पर जोर दिया है। आय से अधिक जमा धनराशि पर यह मामला मुख्य सतर्कता अधिकारी के पास कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि सीबीडीटी से पहले ही तथ्य और सूचनाएं मांग ली गई हैं। अब इसके बाद और सटीक जानकारी मिलेगी। जिसके बाद निश्चित रूप से कार्रवाई होगी। आयकर विभाग के लिए सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्स) सर्वोच्च नीति निर्माता संस्थान है। चौधरी ने कहा कि वह आयकर अधिकारियों से इस विषय में चर्चा कर चुके हैं। देश में नकद जमा करने वालों की बड़ी तादाद को देखते हुए विभिन्न नकद लेन-देन को जांचने की व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया गया है।
उन्होंने बताया कि उन्हें अभी और सूचनाएं और आंकड़े चाहिए। इसके लिए उन्होंने सीबीडीटी की मदद ली है। भला वह कैसे जानते कि एक कर्मचारी की ओर से जमा की गई रकम उसकी आय से मेल खाती है या नहीं। इसीलिए कोई कर्मचारी है या नहीं, इसकी परवाह किए बगैर ही हरेक की आय का लेखा-जोखा तैयार किया जाता है। सीवीसी अब सीबीडीटी से अधिक विशिष्ट आंकड़ों की उम्मीद कर रही है। इस सिलसिले में कई दौर की बातचीत भी हुई है।
उन्होंने कहा कि सीबीडीटी ने सहयोग करते हुए कई अहम सुझाव भी दिए हैं। आयकर विभाग ने सुझाया है कि सीवीसी आंकड़े इस रूप में ले जिससे त्वरित कार्रवाई की जा सके। इसलिए सीबीडीटी जिस कवायद में लगी है, उसमें नई प्रोग्रामिंग बनाना, उनकी वैधता निर्धारित करना और सही व सटीक नतीजे देना शामिल है।