लखनऊ : प्रदेशभर में आधार रजिस्ट्रेशन करने वाली 100 से ज्यादा एजेंसियों को अपना सेटअप 31 अगस्त तक हर हाल में ब्लॉक, पंचायत भवन, तहसील और जिला मुख्यालय स्तर के सरकारी भवनों में शिफ्ट करना होगा। इससे एजेंसियों की मनमानी पर रोक लगेगी बल्कि पब्लिक से आधार के नाम पर ठगी करने पर भी शिकंजा कसेगा। इससे पहले शिफ्टिंग के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया गया था, लेकिन संबंधित विभागों के अधिकारियों से तालमेल बनाने और ऑपरेटरों की तैनाती का खाका तैयार करने में आई दिक्कतों को देखते हुए समयसीमा बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है। यह कदम आधार एजेंसियों द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाने आए लोगों से धन उगाही के बढ़ते मामलों को लेकर उठाया गया है।
यूआईडीएआई के उप महानिदेशक आरएच सिंह ने सोमवार को बताया कि प्रदेश में 100 से ज्यादा एजेंसियां आधार रजिस्ट्रेशन कर रही हैं। इसमें करीब 7 हजार बयॉमीट्रिक मशीनें शामिल हैं। कुछ एजेंसियों पर पब्लिक से पैसा लेने की भी बात सामने आई है।
लिहाजा ऑपरेटरों के खिलाफ ब्लैक लिस्टेड की कार्रवाई की गई। धन उगाही के मामलों को रोकने के लिए और एजेंसियों की सही लोकेशन पता करने के लिए सरकारी कैंपस में एजेंसियों को शिफ्ट करने के लिए लिस्टिंग हो रही है। इसके लिए सभी एजेंसियों को 31 अगस्त तक का समय दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस समय सीमा के भीतर अगर एजेंसियों ने बायोमैट्रिक मशीनों (किट) और ऑपरेटरों को शिफ्ट नहीं किया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इस बाबत सभी एजेंसियों को रिमाइंडर भेज कर निर्देशित कर दिया गया है।
⚫ जीपीआरएस से पता चलेगी लोकेशन : यूआईडीएआई के अधिकारियों ने बताया कि कौन से एजेंसी कहां काम कर रही है इसका पता अब जीपीआरएस से चलेगा। ताकि कोई भी ऑपरेटर मनमाने तरीके से काम न कर सके और पब्लिक को संबंधित जगह पर ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिल सके। चिन्हित किए गए लोकेशन से इतर अगर ऑपरेटर काम करता पाया गया तो ऑपरेटर और एजेंसी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
⚫ पब्लिक को नहीं कर सकेंगे परेशान
मौजूदा समय में जो एजेंसी जहां चाहे वहां रजिस्ट्रेशन कर रही हैं। ऐसे में न उनके दफ्तर समय रहते खुलते हैं न ही बंद होने का समय पब्लिक को बताया जाता है। कई बार तो ऑपरेटर ही घंटों तक गायब रहते हैं, लेकिन सरकारी भवनों, स्कूल, कॉलेज, पंचायत भवन, ब्लॉक और तहसीलों में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने के बाद एजेंसियों और ऑपरेटरों की मनमानी पर रोक लगना तय है। अगर ऑफिस बंद करते हैं तो उनकी जवाबदेही होगी और अफसरों से शिकायत की जा सकेगी।