नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत वर्ष 2004 से भर्ती लाखों केन्द्रीय कर्मचारियों की अरसे से चल रही मांग केंद्र सरकार ने पूरी कर दी है। अब उनकी मौत या स्थाई विकलांगता के मामले में पुरानी पेंशन के हिसाब से फायदे मिलेंगे। इस मामले में भारत सरकार के कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिए है।
केंद्र सरकार व रेलवे व उससे जुड़े दूसरे उपक्रमों के नए कर्मचारियों को भी नौकरी के दौरान मौत या स्थाई विकलांगता पर पुरानी पेंशन योजना के लाभ मिलेंगे। रेलवे व केन्द्रीय कर्मचारी अरसे से एनपीएस के कर्मचारियों की असामयिक मौत पर उनके परिवार के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर कर रहे थे। केन्द्रीय कर्मचारियों के संगठनों, ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन व जेसीएम की लम्बी लड़ाई के बाद केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की यह मांग मान ली है। अब 1 जनवरी 2004 के बाद से नौकरी में आए केन्द्रीय कर्मचारियों को नौकरी के दौरान मौत व विकलांगता पर पुरानी पेंशन योजना के सभी लाभ मिलेंगे।
एनपीएस के किसी भी कर्मचारी को पेंशन का लाभ नहीं मिलता है, लेकिन अगर सेवाकाल के दौरान कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसके आश्रित को पुरानी पेंशन योजना के हिसाब से पेंशन मिलेगी। उसे बेसिक-पे की 50 प्रतिशत पेंशन के अलावा बाकी बची सर्विस काल की गणना करके हर साल 15 दिन की फुल सैलरी का भी भुगतान किया जाएगा।
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव शिव गोपाल मिश्र ने बताया कि इसको लेकर 2004 से लड़ाई चल रही थी। अब जाकर उनकी मौत या विकलांगता पर पुरानी पेंशन स्कीम की तहत उनको सभी लाभ दिलाने में सफलता मिल सकी है। इससे रेलवे के साथ ही लाखों नए केन्द्रीय कर्मचारियों को राहत मिलेगी। • टीएन मिश्र, लखनऊ