लखनऊ : बिजली चोरी रोकना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण योजना तैयार की है। गुजरात और हरियाणा मॉडल पर तैयार की गई इस योजना पर मंगलवार को कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। इससे पांच किलोवाट कनेक्शन के ऊपर के बिजली चोर पकड़वाने पर जुर्माना राशि का दस प्रतिशत इनाम मिलेगा। दस प्रतिशत चोर पकड़ने वाले प्रवर्तन दल को भी दिया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री और सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने लोकभवन में पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री हर गांव और हर गरीब के घर में रोशनी के पक्षधर हैं। इसीलिए सरकार ने तय किया है कि बिजली चोरी की जो जानकारी देगा उसे जुर्माना राशि का दस प्रतिशत प्रोत्साहन के लिए दिया जाएगा। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
दरअसल, प्रदेशवासियों को बिजली मुहैया कराने वाला पावर कारपोरेशन जबरदस्त बिजली चोरी के चलते 28 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घाटे में पहुंच चुका है। बिजली चोरी के कारण तकरीबन 38 फीसद तकनीकी व वाणिज्यिक हानियां (एटीएंडसी) हैं। स्थिति यह है कि प्रदेशवासियों को बिजली देने में कारपोरेशन का जहां 7.22 रुपये प्रति यूनिट खर्च हो रहा है वहीं प्रति यूनिट 5.14 रुपये ही मिल रहे हैं। प्रति यूनिट 2.08 रुपये कम मिलने से कारपोरेशन का प्रतिमाह 800 करोड़ रुपये घट रहा है। ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा का स्पष्ट तौर पर कहना है कि बिजली चोरी पर कड़ाई से अंकुश लगाए बिना बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर नहीं बनाया जा सकता। ऐसे में लगातार अभियान चलाने के साथ ही अब बड़े बिजली चोरों को पकड़ने के लिए इनामी योजना शुरू की जाएगी।
योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान बताए बिना टोल फ्री नंबर-1912 पर बिजली चोरी करने वालों का नाम-पता बता सकते हैं। जांच में चोरी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ जहां पेनाल्टी व सजा की कार्रवाई की जाएगी वहीं सूचना देने वाले को इनाम दिया जाएगा। 1इनाम, वसूली गई धनराशि का 10 फीसद या फिर निश्चित धनराशि होगी। यह वसूली होने के बाद ही दिया जाएगा। शर्मा ने बताया कि सभी जिलों में बिजली के थाने खोलने की प्रक्रिया चल रही है। गृह व वित्त विभाग से हरी झंडी मिल चुकी है।