लखनऊ : डिजिटल इंडिया की तरफ उत्तर प्रदेश के भी कदम बढ़े हैं। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश सचिवालय में ई-ऑफिस शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह ई-ऑफिस एक अक्टूबर से शुरू होगा और इस पर 57 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि ई-ऑफिस बनने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और सभी फाइलों की गोपनीयता बनी रहेगी। इसलिए ई-ऑफिस की व्यवस्था पहले उप्र सचिवालय और फिर जनवरी तक सभी ऑफिसों में शुरू होगी। उप्र सचिवालय की पत्रवलियों का अब डिजिटाइजेशन शुरू होगा। इसका प्रशासनिक विभाग सचिवालय प्रशासन रहेगा जबकि क्रियान्वयन की जिम्मेदारी एनआइसी की होगी। आइटी विभाग इसमें सहयोगी भूमिका अदा करेगा।
सरकार पुराने दस्तावेजों को भी स्कैन कराकर उसे संरक्षित करने का उपक्रम करेगी। इसके लिए मंत्रियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मंत्रियों के अलावा सचिवालय कर्मियों की भी ट्रेनिंग होगी। इस व्यवस्था के लागू होने से समय की बचत के साथ फाइलों के गुम होने और आग में जलने का खतरा समाप्त हो जाएगा। अब दस्तावेजों के रख रखाव की समस्या हल हो जाएगी। इसके लिए एक मास्टर सर्वर भी होगा।