इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि पद पर चयन की निर्धारित शैक्षिक योग्यता से अधिक योग्य अभ्यर्थी आता है तो उसे चयन में शामिल करने से इन्कार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने ललितपुर में ग्राम सेवक पद के लिए हो रहे साक्षात्कार में बीटेक इलेक्टिकल के अभ्यर्थी याचियों विकास सदैया व विशाल सदैया को शामिल करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन व न्यायमूर्ति कृष्ण सिंह की खंडपीठ ने विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। मालूम हो कि ग्राम सेवक पद के अभ्यर्थी की योग्यता कंप्यूटर साइंस में डिग्री डिप्लोमा व एनआइईएल आइटी से मान्य टिपल सी सर्टीफिकेट निर्धारित है। याचीगण बीटेक हैं। आभा त्रिपाठी केस का हवाला देते हुए याचियों को चयन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गयी कि वे निर्धारित योग्यता नहीं रखते। इस पर कोर्ट ने कहा कि नियत योग्यता से यदि कोई ऊंची योग्यता रखता है तो वह भी कम निर्धारित योग्यता वाले पद के चयन में बैठ सकता है। याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता वीके चंदेल व उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिवक्ता केएस कुशवाहा ने प्रतिवाद किया। कोर्ट ने बीटेक डिग्री धारक याचियों को टिपल सी डिग्री न होने के बावजूद चयन साक्षात्कार में बैठने देने का आयोग को निर्देश दिया है।
कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि निर्धारित योग्यता से अधिक योग्यता रखने वाला व्यक्ति भी चयन में शामिल हो सकता है। कोर्ट ने विशेष अपील को स्वीकारते हुए याचिका खारिज करने के एकलपीठ के फैसले को रद कर दिया है।