⚫ भ्रष्टों को हटाने और अच्छों को बढ़ाने के लिए निर्देश
⚫ अच्छे अफसरों को बढ़ावा देने के लिए सरकार का अहम कदम
⚫ पचास साल से कम और ज्यादा दोनों आयु वर्ग के कर्मी होंगे शामिल
प्रदेश सरकार ने सभी अफसरों से साफ कहा है कि वे अपने-अपने विभागों में भ्रष्ट, चर्चित और खराब छवि के अफसरों और कर्मचारियों के साथ-साथ अच्छे अफसरों और कर्मचारियों को भी छांट लें। अच्छे, ईमानदार और काम करने वाले अफसरों और कर्मचारियों को इसलिए कि उनसे ही भविष्य में काम लिया जाना है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव राजीव कुमार ने इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को अपने उद्देश्य से अवगत करा दिया है। खास बात यह है कि इस तरह की छंटनी के लिए 50 साल की कोई उम्र सीमा नहीं है। 50 साल का आदेश अलग है। 50 साल वाला आदेश 1984 का है जिसे इस बार केवल रिपीट किया गया है। लेकिन भ्रष्ट और ईमानदार तथा काम करने वाले अफसरों और कर्मचारियों के वर्गीकरण के लिए कोई उम्र सीमा नही है। इसमें 50 साल से कम और ज्यादा वाले दोनों ही आयु वर्ग हो सकते हैं। इस मामले में आयु की कोई सीमा नही है।
इस तरह के आदेश के पीछे मुख्य सचिव राजीव कुमार का साफ संदेश है कि अच्छे और ईमानदार अफसरों और कर्मचारियों से काम लिया जाए और भ्रष्ट व खराब छवि के अफसरों को किनारे कर दिया जाए। इससे अच्छे और ईमानदार अफसरों को बढ़ावा मिलेगा और भ्रष्ट व खराब छवि के अफसरों का मनोबल गिरेगा। ऐसे अफसरों को अहम पदों पर तैनात नहीं करने के लिए भी कहा गया है। इससे विभागों में कामकाज भी अच्छा होगा। जहां तक 50 साल वाले अफसरों की स्क्रीनिंग का सवाल है, उसके लिए विभागों में कमेटियां बना दी गई हैं। विभाग अपने स्तर पर स्क्रीनिंग करेंगे और जिसे चाहेंगे उसको बर्खास्त करने की सिफारिश शासन से करेंगे।