अफसरों को अतिरिक्त प्रभार : बहुत से अफसर सामान्य विभागों में पड़े हैं लेकिन, कुछ अफसरों को कई-कई विभागों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
अपर मुख्य सचिव दीपक त्रिवेदी के पास आबकारी और नियुक्ति समेत कई भारी भरकम विभाग हैं तो राज प्रताप के पास भी कृषि उत्पादन आयुक्त के अलावा भूतत्व, खनिकर्म और बेसिक शिक्षा जैसे दायित्व हैं। प्रमुख सचिव मुकुल सिंघल का कुछ विभाग कम जरूर किया गया है लेकिन, कई अन्य विभाग सौंप दिए गए हैं। आरोपों से घिरे संजीव सरन के पास भी नियोजन के अलावा आइटी और इलेक्ट्रानिक्स जैसे विभाग दिए गए हैं। अखंड प्रताप और अनीता सी मेश्रम को भी कई और दायित्व दिए गए हैं। पहले भी हुए तबादलों में कई अफसरों पर अतिरिक्त प्रभार का बोझ है।
लखनऊ : मुख्य सचिव राजीव कुमार की तैनाती के बाद पहले प्रशासनिक में 23 आइएएस अफसरों के कार्यक्षेत्र में किया गया है। सरकार ने कुछ जमे हुए अफसरों को हटाया गया है जबकि कुछ का महत्व बढ़ाया गया है। विभागीय अफसर के आरोपों के निशाने पर आए अपर मुख्य सचिव संजीव सरन को वन विभाग से हटा दिया गया है। कृषि उत्पादन आयुक्त चंद्रप्रकाश को अपेक्षाकृत महत्वहीन पद पर भेजा गया है। सरकार ने राज प्रताप सिंह को और महत्व देते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त का दायित्व सौंपा है।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे अनुराग श्रीवास्तव को प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास का महत्वपूर्ण दायित्व मिला है। सचिवालय प्रशासन से हटाए जाने के बाद हाल में ही में ग्राम्य विकास विभाग में भेजे गए अपर मुख्य सचिव को वहां से हटाकर राजस्व परिषद का सदस्य बना दिया गया है। आजमगढ़ के मंडलायुक्त पद पर तैनात किए गए सुधीर कुमार दीक्षित का तबादला निरस्त कर दिया गया है। वह अपने पुराने पद पर ही बने रहेंगे जबकि लंबे समय से परिवहन आयुक्त का दायित्व निर्वाह कर रहे के. रवीन्द्र नायक को आजमगढ़ का मंडलायुक्त बनाया गया।
गौर करने की बात यह है कि सुबह जारी की गई तबादले की सूची में अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल का माध्यमिक व उच्च शिक्षा से नगर विकास विभाग में तबादला करते हुए प्रमुख सचिव कुमार कमलेश को शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया लेकिन देर शाम दोनों के तबादला आदेश निरस्त कर उन्हें पूर्व के ही विभागों में बनाए रखा गया।