नई दिल्ली : पहले पैन और अब आधार। केंद्र सरकार ने आधार को हर वित्तीय लेनदेन पर नजर रखने की अपनी मंशा और स्पष्ट कर दी है। राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर हर बैंक खाते को अगले छह महीने के भीतर यानी 31 दिसंबर, 2017 तक आधार नंबर से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसके बैंक खाते को निलंबित करने का अधिकार भी बैंकों को होगा। यही नहीं अब आधार के बिना बैंक खाता भी नहीं खोला जाएगा और 50 हजार रुपये से ज्यादा के वित्तीय लेनदेन इसके बगैर नहीं होगा।
राजस्व विभाग ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंिड्रंग एक्ट में संशोधन करने का उल्लेख करते हुए आधार को बैंकिंग लेनदेन में अनिवार्य बनाने संबंधी उक्त प्रावधान किये हैं। इसमें कहा गया है कि 50 हजार रुपये से ज्यादा के वित्तीय लेनदेन के लिए आधार नंबर के साथ पैन या आयकर अधिनियम के तहत फार्म 60 के साथ देना होगा। ऐसा नहीं होने पर बैंक ग्राहकों के खाते को तब तक के लिए निलंबित कर सकते हैं जब तक कि उन्हें उक्त जानकारी उपलब्ध न कराई जाए। कंपनियों के बैंक खाते के बारे में कहा गया है उनके प्रबंधक, कर्मचारी या अटॉर्नी के आधार नंबर की जानकारी देनी होगी।
⚫ 50 हजार से ज्यादा के वित्तीय लेनदेन के लिए भी आधार जरूरी
⚫ 50 हजार से अधिक लेनदेन के लिए पैन नंबर पहले से ही है आवश्यक
⚫ वित्तीय लेनदेन पर नजर रखने को वित्त मंत्रलय की अधिसूचना
⚫ अगले साल से बिना आधार वाले खाते हो जाएंगे निलंबित