नई दिल्ली : सरकार ने पेंशनरों को बड़ी राहत देते हुए पेंशन तय करने के तरीके में बदलाव किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दी। सरकार के इस फैसले से सिविल और रक्षा दोनों तरह के करीब 55 लाख पेंशनरों को फायदा होगा और सरकारी खजाने पर 5,031 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त भार जाएगा। 1वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी। पेंशन के संबंध में कैबिनेट ने जिन बदलावों को मंजूरी दी है वे एक जनवरी 2016 से प्रभावी होंगे क्योंकि इसी तारीख से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुई थीं। केंद्र पेंशन पर सालाना करीब 1,76,071 करोड़ खर्च करेगी। फैसला उन कर्मचारियों के संबंध में जो 2016 से पहले रिटायर हुए हैं।
⚫ पेंशन सचिव की सिफारिश पर प्रस्ताव को मंजूरी
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने पेंशन सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश के आधार पर इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। दरअसल कैबिनेट को पेंशन तय करने के फामरूले में बदलाव की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि सातवें वेतन आयोग ने जो फामरूला सुझाया था उसके जरिए पेंशन की गणना करना व्यवहारिक नहीं था। इसलिए पेंशन सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनायी गयी जिसने नया फामरूला सुझाया। कैबिनेट ने रक्षा पेंशनरों के संबंध में डिसेबिलिटी पेंशन तय करने के तरीके में भी बदलाव को मंजूरी दी। माना जा रहा है कि इससे सरकार पर हर साल 130 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।