नई दिल्ली : आयकर विभाग ने करदाता के स्थायी खाता नंबर (पैन) को आधार से जोड़ने के लिए नई सुविधा शुरू की है। इस ऑनलाइन सुविधा से पैन बड़ी आसानी से आधार से जुड़ जाएगा। आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अब पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है। एक जुलाई से यह नियम लागू हो जाएगा। विभाग की ओर से करदाताओं और व्यक्तियों के लिए इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की गई है।
आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट ने दोनों को जोड़ने के लिए अपने होमपेज पर एक नया लिंक दिया है। इस लिंक में व्यक्ति को अपना पैन, आधार नंबर के अलावा आधार कार्ड में छपा नाम डालना आवश्यक है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की ओर से वेरीफिकेशन के बाद पैन और आधार नंबर के जुड़ने की पुष्टि हो जाएगी। स्पेलिंग में अंतर की वजह से आधार के नाम का मिलान नहीं हो पाने पर एक और प्रक्रिया की जरूरत होगी। नाम में अंतर होने पर आधार ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) डालना होगा। यह ओटीपी व्यक्ति के पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल पर भेजी जाएगी। एडवाइजरी में कहा गया है कि यदि आधार व पैन में दर्ज जन्मतिथि, लिंग वगैरह जानकारी एक जैसी नहीं हुई तो पैन आधार से लिंक नहीं होगा। इसलिए लिंक करने के पहले दोनों कार्ड पर दर्ज जानकारियों को चेक कर लें। पैन व आधार में जन्मतिथि और लिंग समान रहने पर ही दोनों को जोड़ने में परेशानी नहीं आएगी।
नाम गलत हुआ तो क्या करें?: यदि किसी व्यक्ति के पैन व आधार कार्ड में दर्ज नाम पूरी तरह अलग हैं तो लिंकिंग की प्रक्रिया फेल हो जाएगी। ऐसे करदाता को या तो पैन में अपना नाम बदलवाना होगा या आधार कार्ड में।
लॉगिन या पंजीकरण की जरूरत नहीं : यह भी कहा गया है कि विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर लॉगिन करने या पंजीकृत होने की कोई जरूरत नहीं है। कोई भी व्यक्ति आधार और पैन को जोड़ने के लिए इस सुविधा का उपयोग कर सकता है।
अब तक 1.18 करोड़ जुड़े: विभाग के अनुसार अब तक 1.18 करोड़ पैन आधार जुड़ चुके हैं। आधार नंबर यूआइडीएआइ जारी करता है। जबकि पैन किसी व्यक्ति, फर्म या संस्थान को जारी किया जाने वाला 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक (शब्द व अंकों के मेल वाला) नंबर है।