Searching...
Thursday, May 11, 2017

कैशलेस इलाज के लिए दोनों तरह से करना होगा आवेदन, समस्या बना स्टेट हेल्थ कार्ड का ऑनलाइन आवेदन

6:29 AM

कैशलेस के लिए आधार जरूरी : राज्य कर्मचारियों और उनके आश्रितों को कैशलेस इलाज तब ही मिलेगा, जब उनके पास आधार कार्ड होगा। सरकार ने तय किया है कि कर्मचारियों के परिवार में पांच वर्ष से अधिक आयु वाले सदस्यों को आधार होने पर ही यह सुविधा दी जाएगी।

लखनऊ : कैशलेस इलाज पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की शर्त राज्य कर्मचारियों के एक बड़े हिस्से के लिए का सबब बन रही है। हालांकि, कर्मचारियों को प्रदेश के चार-पांच बड़े शहरों के ही सीजीएचएस अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी लेकिन, आवेदन सभी जिलों के कर्मचारियों के करना है। कर्मचारियों की इस जरूरत को देखते हुए बाजार ने तुरंत नई सेवा और इसके दाम गढ़ लिए हैं। साइबर कैफे में प्रत्येक आवेदन पत्र भरने व प्रिंट निकाल कर देने के लिए औसतन 100 रुपये का शुल्क तय हो गया है।


पिछली सरकार ने पहली मई से कैशलेस इलाज की सुविधा देने का दावा किया था और नई सरकार कैशलेस इलाज के आवेदन पत्र का परिचय भी अब तक अपने कर्मचारियों से नहीं करा पाई है। कर्मचारी आवेदन करने के तरीके को लेकर परेशान हैं और सरकार को बार-बार स्पष्टीकरण देकर इसे साफ करना पड़ रहा है। सरकार ने कर्मचारियों के सामने आवेदन के दो तरीके रखे हैं- ऑनलाइन यानी इंटरनेट के जरिये कंप्यूटर पर आवेदन और हार्ड कॉपी यानी कागज पर आवेदन, लेकिन यह दोनों तरीके एक-दूसरे के विकल्प नहीं हैं यानी कर्मचारियों को दोनों में से कोई एक तरीका नहीं चुनना है, बल्कि दोनों ही तरीकों से आवेदन करना होगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी बताते हैं कि कई जिलों से कर्मचारियों को ऑनलाइन आवेदन भरने में दिक्कत होने की शिकायत उनके पास आ रही है। कर्मचारी उन्हें बता रहे हैं कि जिलों के साइबर कैफे में ऑनलाइन आवेदन कराने का शुरू हो गया है।


तय नहीं दो अहम मुद्दे : कैशलेस इलाज को लेकर दो अहम बातें अब तक तय न होने से कर्मचारी आशंकित हैं। शासन द्वारा मांगे जाने के बाद सीजीएचएस वाले अस्पतालों की सूची राज्य सरकार को सौंप दी गई है लेकिन, शासन ने अब तक अस्पतालों के नाम फाइनल नहीं किए हैं। इसी तरह कैशलेस इलाज की सुविधा देने वाले अस्पतालों को रकम की प्रतिपूर्ति करने की समयसीमा भी अभी तय नहीं है। तिवारी कहते हैं कि अस्पतालों को समय पर भुगतान की नीति और योजना न बनी तो अस्पतालों की दिलचस्पी कम होगी और योजना भी प्रभावित होगी।

⚫ डीडीओ या कोषाधिकारी को भी देनी होगी आवेदन की हार्ड कॉपी

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स