उत्तर प्रदेश के 20 बड़े आईएएस अधिकारियों का हुआ तबादला, योगी सरकार ने किया स्थानांतरण का बड़ा फैसला।
योगी सरकार ने बुधवार को शासन स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों की शुरुआत कर दी। इसके पहले एक-दो अफसरों के तबादले जरूर हुए थे लेकिन, पहली बार 20 आइएएस अफसरों के कार्यक्षेत्र में एक साथ फेरबदल किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी रहे अफसरों को अहम पदों से हटाया गया है। सपा सरकार में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री रहीं अनीता सिंह समेत नौ अफसरों को प्रतीक्षारत किया गया है।
शासन में महत्वपूर्ण पदों पर उन अफसरों को तैनात किया गया है जो या तो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे या फिर पिछली सरकार में मुख्य धारा में उनकी तैनाती नहीं रही। नवनीत सहगल के सभी विभागों को हाल में दिल्ली से प्रतिनियुक्ति से लौटे अवनीश अवस्थी को दे दिया गया है, जबकि भूतत्व एवं खनिकर्म का दायित्व राज प्रताप सिंह को सौंपा गया है। सहगल ऐसे अफसर हैं जो बसपा सरकार में भी प्रमुख पद पर रहे। सपा सरकार बनते ही उनकी तैनाती महत्वहीन विभाग में की गयी लेकिन, बाद में फिर उन्हें महत्वपूर्ण पदों का दायित्व सौंपा गया। अवनीश अवस्थी को लेकर इस बात के कयास थे कि उन्हें मुख्यमंत्री का प्रमुख सचिव बनाया जाएगा। दिल्ली से कार्यमुक्त होने के बाद वह सीधे मुख्यमंत्री से आकर मिले और तब देर रात तक उनके साथ रहे। अगली सुबह भी उन्हें मुख्यमंत्री के करीब देखा गया था।
योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के कुछ दिन बाद परंपरागत रूप से पिछली सरकार ने सीएम सचिवालय (पंचम तल) पर तैनात मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, सचिव और विशेष सचिव को अवमुक्त कर दिया था। योगी के शपथ ग्रहण के बाद उनके विशेष सचिव के रूप में अजय सिंह तैनात हुए और फिर रिग्जियान सेंफिल की भी तैनाती हुई। बुधवार को मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में लोक निर्माण विभाग के सचिव के साथ ही आबकारी आयुक्त पद का दायित्व संभाल रहे मृत्युंजय कुमार नारायण को तैनाती दी गयी है। सरकार ने 20 आइएएस अफसरों की तैनाती में उन अफसरों को विशेष रूप से प्रतीक्षारत किया है जिन्हें समाजवादी सरकार के करीबी अफसरों के रूप में जाना जाता रहा है। इनमें नवनीत कुमार सहगल, रमा रमण, डॉ. गुरदीप सिंह, डिंपल वर्मा, अमित कुमार घोष, अनीता सिंह, डॉ. हरिओम, दीपक अग्रवाल और विजय कुमार यादव शामिल हैं। डॉ. हरिओम ने ही 2006 में गोरखपुर में सांप्रदायिक विवाद के दौरान योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी कराई थी।
मलाईदार विभागों से हटे अफसर :
योगी सरकार की नजर प्रतिष्ठित और मलाईदार विभागों पर गई है। उन्होंने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, नोएडा, यूपी एसआइडीसी, लघु उद्योग निगम में तैनात अफसरों के अलावा ग्रेटर नोएडा एवं नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को प्रतीक्षारत कर दिया गया है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग भी इधर लगातार सुर्खियों में रहा है। इस विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी प्रतीक्षारत किया गया है।