लखनऊ : राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने क्रीमीलेयर की आय सीमा आठ से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार को भेजा है। इसके साथ ही आयोग ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के जाति प्रमाण पत्र की वैधता एक साल से बढ़ाकर तीन साल प्रस्तावित की है।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा की अध्यक्षता में आयोग की पीठ ने अन्य पिछड़ा वर्गो के आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने के लिए केंद्रीय आयोग को पत्र लिखने का फैसला लिया है। जनगणना निदेशालय को जातिवार आंकड़े मांगने का निर्णय भी किया गया है। विश्वकर्मा ने बताया कि आयोग ने पिछड़े वर्ग के लिए छात्रवृत्ति, फीस प्रतिपूर्ति व शादी अनुदान की धनराशि शत-प्रतिशत उपलब्ध कराने के संबंध में निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण को पत्र लिखने का भी निर्णय लिया गया है।
आयोग की प्रस्ताव पर फैसला लेने का अधिकार पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को है। ध्यान रहे, वर्ष 2015 में भी पिछड़ा वर्ग आयोग ने क्रीमीलेयर की आय सीमा पांच से बढ़ाकर आठ लाख करने का प्रस्ताव किया था, जिसे तत्कालीन सरकार ने मान लिया था।