इलाहाबाद : कर्मचारियों की नई पेंशन को राष्ट्रीय पेंशन योजना से आच्छादित किया गया है। इसके लिए तमाम नए-नए नियम भी बनाए गए हैं। जिन्हें इसका लाभ दिया जाना है, उनके वेतन से पेंशन के लिए कटौती भी शुरू हो गई है, लेकिन सरकार का अंशदान कब से मिलेगा यह स्पष्ट नहीं है। यही नहीं जिलों में इसका सिस्टम तक नहीं बन पाया है। कर्मचारियों को इसका लाभ फिलहाल नहीं मिल रहा है।
प्रदेश में एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त हुए सभी अधिकारी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए पिछले कई महीने से लगातार निर्देश जारी हो रहे हैं और एक के बाद एक नियम बन रहा है। कुछ दिन पहले यह घोषणा भी हुई कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की पासबुक भी बनाई जाएगी। नियम बन गए हैं लेकिन अनुपालन करने वाले इस ओर से उदासीन हैं। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलना है। इसके लिए हर जिला मुख्यालय पर एक कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सिस्टम और सॉफ्टवेयर आदि का इंतजाम होना था, लेकिन अब किसी भी जिले में यह व्यवस्था नहीं हो सकी है।
यह जरूर है कि बीते मई माह से शिक्षक व अन्य के वेतन से पेंशन का अंशदान की कटौती शुरू हो गई है, जो ट्रेजरी में जमा की जा रही है। पेंशन लाभ के लिए सरकारी अंशदान मिलना है, लेकिन अब तक यह नहीं दिया जा रहा है। इससे शिक्षक व अन्य को ब्याज का नुकसान होने के साथ ही पेंशन का वास्तविक लाभ नहीं मिल रहा है। शिक्षक भी इस ओर से उदासीन हैं, उन्हें नहीं पता कि जो कटौती हो रही है उसका लाभ उन्हें मिलेगा भी या नहीं। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय नेता डॉ. शैलेश कुमार पांडेय ने कहा है कि माध्यमिक के शिक्षकों को लाभ दिलाने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।