लखनऊ : कभी पोस्ट कार्ड के जरिए नौकरी की सूचना देने वाला सेवायोजन विभाग अब पंजीकृत बेरोजगारों को नौकरी की जानकारी ई-मेल के जरिए देगा। वेबपोर्टल के माध्यम से होने वाले पंजीयन के दौरान ही बेरोजगारों को अपना ई-मेल और मोबाइल फोन नंबर देना पड़ेगा। पिछले वर्ष बनाए गए वेबपोर्टल की कार्य प्रणाली में बदलाव के साथ ही अप्रैल से ई-मेल दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
नई सरकार के संकल्प पत्र के अनुरूप खुद को ढालने वाले सेवायोजन विभाग का यह प्रयास बेरोजगारों के लिए काफी लाभदायक साबित होगा। ऑनलाइन पंजीयन ही नहीं पुराने पंजीयन के नवीनीकरण में भी इस नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इसके पीछे मंशा यह है कि बेरोजगारों की संख्या के साथ ही उन्हें दी जाने वाली नौकरी का दस्तावेज भी प्रदेश सरकार की ओर से मांगे जाने पर उपलब्ध कराया जा सके। बेरोजगार पहले टोकन की लाइन लगाएंगे और फिर उनका ऑनलाइन पंजीयन या नवीनीकरण किया जाएगा।
प्रभावी होगा टोकन सिस्टम : सेवायोजन विभाग के वेबपोर्टल (सेवायोजन.यूपी.एनआइसी.इन) की धीमी चाल की वजह से फिलहाल सेवायोजन कार्यालयों में टोकन के आधार पर बेरोजगारों का पंजीयन होगा। राजधानी के लालबाग स्थित सेवायोजन कार्यालय में दो काउंटरों पर महिला व पुरुष का अलग-अलग काउंटर होगा। 10-10 टोकन वितरण के बाद पंजीयन शुरू होगा। सर्वर की धीमी चाल से एक बेरोजगार का पंजीयन और नवीनीकरण करने में 35 से 40 मिनट का समय लग रहा है जिसकी वजह से टोकन व्यवस्था लागू की गई है।
नौकरी की आस में बढ़ेगा पंजीयन : वर्तमान सरकार के नौकरी देने के वायदे से एक बार फिर पंजीयन की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। राजधानी समेत प्रदेश में 31 मार्च 2015 तक 72,65834 लाख बेरोजगार पंजीकृत थे, लेकिन 31 मार्च 2014 को भत्ता देने की योजना निरस्त होने के बाद से इस संख्या में लगातार गिरावट आ रही थी। दिसंबर तक यह संख्या 67 लाख पहुंच गई।
पंजीयन के दौरान बेरोजगारों को मोबाइल नंबर के साथ ही ई-मेल दर्ज कराना होगा। इससे बेरोजगारों को नौकरी सहित अन्य सूचनाएं तुरंत मिल जाएंगी। कार्यालय में पंजीयन का अलग काउंटर बनाया गया है। - आरसी श्रीवास्तव, सहायक निदेशक सेवायोजन विभाग