नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) रिटर्न के मामले में तय अवधि के निवेश विकल्पों से सबसे आगे है। इस साल बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसमें निवेश से 25 फीसदी तक की आंशिक निकासी को भी कर मुक्त (टैक्स फ्री) करने का प्रस्ताव किया है। साथ ही इसमें कुछ और बदलाव किए गए हैं। ऐसे में पहले से मिल रही कर रियायत के अलावा इस नई छूट से एनपीएस में निवेश अब और ज्यादा आकर्षक हो जाएगा। पेश है शेख जोएब सलीम की रिपोर्ट।
⚫ कितनी फायदेमंद नई छूट?
⚫ रिटर्न में सबसे आगे
एनपीएस में परिपक्वता के समय निकाली जाने वाली राशि का 40 फीसदी राशि पहले से ही टैक्स फ्री है। अब इस नई 25 फीसदी रियायत को जोड़ लें तो एनपीएस की कुल 65 फीसदी राशि टैक्स फ्री हो जाएगी। नया नियम अप्रैल 2018 से लागू होगा।
⚫ आम उपभोक्ताओं को ज्यादा लाभ
बजट में प्रस्ताव के मुताबिक अब आम उपभोक्ता जिनकी आय का जरिया स्वरोजगार या अन्य साधन है वह अपनी 20 फीसदी कमाई एनपीएस में कर निवेश कर सकेंगे। कोटक म¨हद्रा पेंशन फंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप श्रीखंडे का कहना है कि बजट में सरकार के इस नए फैसले से करीब 20 लाख वैसे करदाताओं को फायदा होगा जो गैर-नौकरीपेशा हैं और उनकी आय पांच लाख रुपये से अधिक है। वर्तमान में केवल नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए यह सीमा 20 फीसदी थी। इसमें 10 फीसदी कर्मचारी द्वारा और 10 फीसदी कंपनी या नियोक्ता द्वारा निवेश शामिल था।
⚫ कब कर सकते हैं आंशिक निकासी
जिन लोगों ने लगातार 10 साल तक एनपीएस में निवेश किया है वह शिक्षा, शादी-ब्याह, घर के निर्माण और इलाज के लिए 25 फीसदी राशि निकाल सकते हैं। कुल तीन बार निकासी की सुविधा है। हर निकासी में पांच साल का अंतराल होना चाहिए। लेकिन गंभीर बीमारी की स्थिति में पांच साल के अंतराल की सीमा से छूट दी गई है।
⚫ नौकरीपेशा के लिए क्या है नियम
सरकार ने आंशिक निकासी को करमुक्त करने के साथ नौकरीपेशा लोगों के लिए एनपीएस में कुछ बदलाव भी किया है। निवेश सलाहकार प्रकाश प्रहराज का कहना है कि नौकरीपेशा लोग अब एनपीएस में 25 फीसदी आंशिक निकासी उसी राशि में से कर पाएंगे जो उनके द्वारा जमा की गई हो। इसमें नियोक्ता की ओर से जमा की गई राशि शामिल नहीं होगी। ऐसे में आप यदि एनपीएस में हर साल एक लाख रुपये और कंपनी भी इतनी ही राशि जमा करती है तो 10 साल बाद आंशिक निकासी सीमा आपके लिए 2.5 लाख रुपये होगी क्योंकि आपकी ओर से 10 लाख रुपये ही जमा उस समय तक जमा होंगे। जबकि कुल मिलाकर 20 लाख रुपये उसमें जमा होंगे।
⚫ एनपीएस में कितनी टैक्स छूट
आयकर की धारा 80सी के तहत एनपीएस में निवेश पर सालाना 1.50 लाख रुपये तक टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं। साथ ही धारा 80सीसीडी के तहत 50 हजार रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट मिलती है। इस तरह एनपीएस में निवेश पर कुल दो लाख रुपये की छूट हासिल कर सकते हैं।
⚫ एनपीएस का गणित
इसमें सेवानिवृत्ति के लिए निवेश किया जाता है। 18 से 60 साल के बीच का कोई भी व्यक्ति इसका फायदा उठा सकता है। 60 की उम्र होने पर 60 फीसदी राशि एकमुश्त निकाल सकते हैं और न्यूनतम 40 फीसदी राशि एन्यूटी स्कीम में निवेश करनी होती है जिसके आधार पर आपको पेंशन मिलती है। एन्यूटी राशि में आप 100 फीसदी भी निवेश कर सकते हैं। एनपीएस का फंड शेयर बाजार,कॉर्पोरेट बॉन्ड तथा सरकारी प्रतिभूतियों में लगता है।
⚫ युवाओं के लिए ज्यादा फायदेमंद
एनपीएस में आप 25 साल की उम्र से दो हजार रुपये प्रति माह निवेश करते हैं तो 12 फीसदी सालाना अनुमानित रिटर्न पर 60 साल की उम्र में करीब 1.30 करोड़ रुपये की पूंजी जमा हो जाएगी। आप 35 साल में महज 8.40 लाख रुपये जमा करते हैं। लेकिन चक्रवृद्धि ब्याज की वजह से आपको एक करोड़ 21 लाख 60 हजार रुपये अधिक मिलते हैं। इसके बाद 1.30 करोड़ रुपये का न्यूनतम 40 फीसदी एन्यूटी में जमा करते हैं तो आठ फीसदी के अनुमानित ब्याज पर करीब 35 हजार रुपये हर माह पेंशन मिलेगी। वहीं 60 फीसदी एकमुश्त भुगतान के रूप में करीब 78 लाख रुपये की राशि मिलेगी। आप 50 की उम्र से एनपीएस में दो हजार रुपये जमा करते हैं 60 की उम्र तक महज 4.65 लाख रुपये की पूंजी बना पाएंगे। इसमें 2.79 रुपये आपको एकमुश्त मिलेगी और बाकी 40 फीसदी की एन्यूटी लेने पर महज 1,239 रुपये की पेंशन मिलेगी। आप 50 की उम्र से एनपीएस में निवेश करते और 35 हजार रुपये की पेंशन चाहते हैं तो हर माह करीब 56 हजार रुपये जमा करने होंगे।
एनपीएस ने पिछले पांच साल में 12.79 फीसदी का औसत रिटर्न दिया है। जबकि कुछ चुनिंदा कंपनियों के एनपीएस मे इस अवधि में 13.69 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। एक साल में एनपीएस ने 11 फीसदी से अधिक का औसत रिटर्न दिया है। जबकि कुछ चुनिंदा स्कीम में 19.93 फीसदी तक रिटर्न मिला है।