यह है निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन : विधानसभा में कार्मिक ड्यूटी लगाए जाने के सम्बन्ध में आयोग के दिशानिर्देश, देखें किसे मिलेगी छूट
⚫ भारत निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन में स्पष्ट है कि पीठासीन व मतदान अधिकारियों को वेतनमान व उसके पद एवं रैंक के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा।
⚫ निर्वाचन ड्यूटी देते समय अधिकारियों की वरिष्ठता का पूरा ध्यान रखा जाएगा और किसी वरिष्ठ अधिकारी को उनके काफी कनिष्ठ अधिकारियों के अधीन ड्यूटी पर नहीं रखा जाएगा।
⚫ ’विभिन्न वेतनमानों वाले विभिन्न पूलों से लिए गए अधिकारियों के रैंक व दर्जा अवधारित करने में उनके संवर्ग/संगठन में अधिकारी की सापेक्ष स्थिति को ध्यान में रखा जाना चाहिए न कि केवल वेतनमान को।
⚫ कोई अधिकारी छह माह के भीतर रिटायर होने वाला हो या जो सेवा विस्तार पर है तो उसे किसी निर्वाचन ड्यूटी के लिए नहीं लगाया जाएगा।
⚫ महिला कार्मिकों के संबंध में स्पष्ट है कि गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली माताओं को चाहे वे मातृत्व अवकाश पर हैं या नहीं या जो कोई कठिन व जोखिम वाला कार्य नहीं करने की चिकित्सा सलाह पर हैं, उनको निर्वाचन ड्यूटी से छूट देंगे।
⚫ निर्वाचन ड्यूटी के लिए बुलाई गई सभी महिला कार्मिकों को उसके लिए किए गए इंतजाम के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। जब तक इंतजाम नहीं किया जाता है और इस संबंध में सूचना प्रत्येक महिला कर्मी को नहीं दी जाती है, उस समय तक उसे किसी ऐसे स्थान पर कोई निर्वाचन ड्यूटी करने के लिए नहीं बुलाया जाएगा।
⚫ महिला मतदान कार्मिक को कम्प्यूटर याद्दच्छिकीकरण (रेंडमाइजेशन) की प्रक्रिया के आधार पर ड्यूटी पर नहीं लगाना चाहिए। उनको पड़ोसी मतदान केंद्रों पर मैनुअल आधार पर याद्दच्छिकीकरण रूप से ड्यूटी पर लगाया जाना चाहिए, ताकि वे मतदान दिवस पर सुबह ही मतदान केंद्र पर पहुंच सकें।