इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व जिलों के एसएसपी व एसपी को निर्देश दिया है कि बिना ठोस वजह के किसी के भी शस्त्र जमा न कराएं। यदि लाइसेंसी के विरुद्ध आपराधिक केस दर्ज है तो लिखित कारण बताते हुए ही शस्त्र जमा कराए जाएं। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने जौनपुर मछली शहर के अनीस अहमद की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
वर्ष 2014 में हाईकोर्ट ने हरिहर सिंह केस में डीजीपी को इस आशय का सकरुलर जारी करने का निर्देश दिया था। जिस पर सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को निर्देश जारी किए गए थे। याची का कहना था कि वह शांतिप्रिय नागरिक है। उसके खिलाफ देश में कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है, बिना लिखित आदेश के उसे शस्त्र जमा करने को बाध्य किया जा रहा है। ऐसा करना कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। याचिका पर अधिवक्ता एमए मिश्र तथा निर्वाचन आयोग की तरफ से बीएन सिंह ने बहस की।