नई दिल्ली : अगर किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ कोई केस लंबित है और इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है तो इसका असर उनके प्रमोशन पर नहीं पड़ेगा। सरकार ने इस बारे में नया आदेश जारी किया है, जिससे हजारों अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
सालों से अधिकारियों और कर्मचारियों की मांग थी कि केस के लंबे चलने के कारण उन्हें अपने न्यूनतम हक से वंचित रहना पड़ता है। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार, अगर किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोर्ट में मामला लंबित हो तो इसका असर उनके प्रमोशन या दूसरी सुविधाओं पर नहीं पड़ेगा। लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि अगर बाद में फैसला उस अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ आता है तो फिर उनकी सभी फैसिलिटीज पिछली तारीख से वापस ले ली जाएगी, जबसे उन्हें वह मिल रही है। साथ ही अगर किसी मामले में अधिकारी या कर्मचारी को ऐसे केस में प्रमोशन या सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा है, जिस मामले में उन्हें बाद में क्लीच चिट मिली हो तो उन्हें पिछली तारीख से उनका पूरा हक मिलेगा।
दरअसल, इस मामले में कई बार अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से सरकार के समक्ष मांग रखी गई थी। सूत्रों के मुताबिक, हर साल लगभग 2000 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रमोशन या दूसरी सुविधाएं कानूनी झमेलों के कारण प्रभावित होती है। इससे पहले ब्यूरोक्रेसी की ओर से बढ़ते दबाव के बीच मोदी सरकार ने उनकी अहम मांग मान ली थी, जिसके बाद सरकार कानून में बदलाव की तैयारी में है। इस कानून में प्रावधान दिया जा रहा है कि अगर किसी मौजूदा या रिटायर अधिकारी के खिलाफ सीबीआई ऐक्शन लेगी तो इसके लिए उसे पहले अनुमति लेनी होगी।