चुनावी मौसम में अखिलेश का बड़ा तोहफा, सातवें वेतन आयोग को मिली मंजूरी
लखनऊ: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे प्रदेश के लाखों लोगों को आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सातवें वेतन आयोग पर मुहर लगा दी गई। कैबिनेट बैठक में सरकार राज्य वेतन समिति की रिपोर्ट पर प्रदेश के 21 लाख राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनरों को सातवें वेतन का लाभ देने का फैसला किया है। अगले वित्तीय वर्ष के शुरुआती चार महीनों में शासन के कामकाज के लिए जरूरी धनराशि का इंतजाम करने की खातिर 21 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में लेखानुदान संबंधी विधेयक लाने के निर्णय पर भी मुहर लगी।
सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को प्रदेश के विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों पर लागू करने के बारे में रिटायर्ड आइएएस अधिकारी जी. पटनायक की अध्यक्षता में गठित राज्य वेतन समिति ने अपनी पहली रिपोर्ट बीते बुधवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंपी थी। राज्य वेतन समिति ने अपनी रिपोर्ट में विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित सातवें वेतन के ढांचे को केंद्र सरकार के समतुल्य रखने रखने की सिफारिश की है। साथ ही, सातवां वेतन पहली जनवरी 2016 से लागू करने की संस्तुति भी की है। समिति ने कर्मचारियों के वेतन (वेतन बैंड और ग्रेड वेतन को जोड़कर) को 2.57 गुना करने की सिफारिश की है। राज्य कर्मचारियों के लिए शुरुआती न्यूनतम वेतन (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए) 18,000 रुपये और अधिकतम (मुख्य सचिव स्तर) 2,25,000 रुपये करने की संस्तुति की गई है।