लखनऊ : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रम में शासन ने राज्य वेतन समिति की रिपोर्ट पर पहली जनवरी, 2016 या उसके बाद रिटायर या दिवंगत हुए सरकारी कर्मचारियों को अनुरूप पेंशन/पारिवारिक पेंशन/ग्रेच्युटी व पेंशन राशिकरण के संशोधित करते हुए इस बारे में शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश के मुताबिक पेंशन की न्यूनतम राशि 9000 रुपये मासिक होगी। साथ ही पहली जनवरी 2016 या उसके बाद रिटायर होने वाले ऐसे सरकारी कर्मचारी जिन्होंने 20 साल की अर्हकारी सेवा पूरी कर ली है, उन्हें पूर्व व्यवस्था के तहत पूरी पेंशन मंजूर की गई है। पेंशन की न्यूनतम राशि 9000 रुपये मासिक और अधिकतम राज्य सरकार में उपलब्ध उच्चतम वेतन के 50 फीसद प्रतिशत प्रतिमाह की धनराशि से अधिक नहीं होगी।
इस आदेश में 2008 की वेतन समिति की सिफारिशों में दी गई उस व्यवस्था को बनाए रखा गया है, जिसमें तय किया गया था कि जो सरकारी सेवक 20 साल की सेवा पूरी करके रिटायर होते हैं, उन्हें अंतिम आहरित वेतन के 50 फीसदी के बराबर पेंशन दी जाए।
सरकार ने राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों, स्थानीय निकायों और प्रभावित कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का बढ़ी हुई दर पर भुगतान करने का भी शासनादेश शुक्रवार को जारी कर दिया है। यह महंगाई भत्ता एक जुलाई, 2016 से मिलेगा। महंगाई भत्ते का भुगतान दो फीसदी की दर से किया जाएगा।
बढ़ी दर पर मिलेगा मुआवजा: राज्य कर्मचारियों की कर्तव्य निर्वहन के दौरान दुर्घटना में मौत होने पर 25 लाख, हिंसा में मौत होने पर 35 लाख रुपये, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान मौत होने पर 35 लाख रुपयेे, प्राकृतिक आपदा में मौत होने पर 35 लाख रुपये और युद्ध में मौत होने पर 45 लाख रुपये दिए जाएंगे।