लखनऊ: प्रदेश के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों का लाभ दीपावली के आसपास तक देने के लिए राज्य सरकार ने तेजी तो की थी किंतु वह दीपावली के बाद भी प्रभावी साबित होती नहीं दिख रही है। माना जा रहा है कि कर्मचारियों को नए साल में ही सातवें वेतनमान का लाभ मिल पाएगा।
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों को लागू कर दिया था। इसके बाद सितंबर में प्रदेश सरकार ने भी इन्हें स्वीकार करने के साथ सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी गोपबंधु पटनायक की अध्यक्षता में समीक्षा समिति गठित कर दी थी। पटनायक ने 11 अगस्त को काम भी संभाल लिया था। सरकार ने समीक्षा समिति के गठन का आदेश जारी करने के साथ तीन माह के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी थी।
इसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा था कि दीपावली के आसपास राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ मिल जाएगा। समिति ने राज्य कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों के साथ आम जनता का पक्ष सुनने की भी पहल की। तीन सौ से अधिक कर्मचारी संगठनों की बात सुनने के बाद समीक्षा समिति ने विभिन्न सरकारी विभागों का पक्ष सुनना शुरू किया है। वित्त विभाग से वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता व संभावित खर्चे पर एक चक्र विचार-विमर्श भी हो चुका है। अब तक प्रारंभिक संस्तुतियां भी न तैयार हो पाने के कारण दीपावली के आसपास ही नहीं, पूरे नवंबर में भी कर्मचारियों को इसका लाभ मिल पाने की उम्मीद नहीं लग रही है।
स्वयं समीक्षा समिति के अध्यक्ष ने 15 नवंबर तक प्रारंभिक रिपोर्ट देने का लक्ष्य निर्धारित किया था। उनका कहना है कि जल्द से जल्द रिपोर्ट देने की कोशिश हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद भी इसे लागू करने की प्रक्रिया खासी लंबी है। नवंबर के अंत तक यदि प्रारंभिक रिपोर्ट मिल भी गई तो उस पर अमल का फामरूला तैयार कर कैबिनेट में लाया जाएगा।