इलाहाबाद । केंद्रीयकर्मियों और पेंशनरों को सातवें वेतन आयोग के तहत पुनरीक्षित वेतन एवं पेंशन का भुगतान शुरू हो गया है लेकिन राज्यकर्मियों को इसका इंतजार है। छठवें वेतन आयोग में तो राज्यकर्मियों को केंद्रीयकर्मियों के मुकाबले दो साल बाद फायदा मिला लेकिन इस बार यह लाभ बहुत जल्द मिलने की उम्मीद है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार नवंबर या दिसंबर के महीने में सातवें वेतन आयोग की घोषणा कर सकती है। ऐसे में चुनाव से पहले ही पुनरीक्षत वेतन एवं पेंशन का लाभ मिलने लगेगा।
केंद्रीय कर्मियों को अगस्त माह से सातवें वेतन आयोग के तहत पुनरीक्षित वेतन और केंद्रीय पेंशनरों को सितंबर से पुनरीक्षित पेंशन का भुगतान शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही जनवरी-2016 से एरियर का भुगतान भी कर दिया गया है। सातवें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मियों एवं पेंशनरों के लिए की गई संस्तुति मामूली फेरबदल के साथ राज्यकर्मियों और पेंशनरों के लिए लागू होनी है। छठवें वेतन आयोग में भी यही व्यवस्था थी लेकिन राज्यकर्मियों को छठवें वेतन आयोग का लाभ केंद्रीय कर्मियों के मुकाबले दो साल बाद मिला था लेकिन इस बार सरकार पर चुनाव का दबाव है। कई विभागों में हड़ताल भी चल रही है। ऐसे में कर्मचारियों को संतुष्ट करने के लिए प्रदेश में भी बहुत जल्द सातवां वेतन आयोग लागू किए जाने की तैयारी है।
कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के संयोजक हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव का कहना है कि शासन स्तर पर सातवें वेतन आयोग को लागू करने की तैयारी हो रही है। पूरी उम्मीद है कि चुनाव से पहले राज्यकर्मियों और पेंशनरों को इसका फायदा मिल जाएगा।