इलाहाबाद : केन्द्र व राज्य कर्मचारियों का अर्जति अवकाश रिटायरमेंट तक जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पांच अक्तूबर के फैसला देशभर के लाखों केन्द्र व राज्य कर्मचारियों के लिए नजीर बन गया है। इस आदेश से सरकारी कर्मचारियों में खुशी है।
दरअसल सरकारी कर्मचारियों को हर साल 30 दिन (एक जनवरी को 15 दिन व एक जुलाई को 15 दिन) का अर्जति अवकाश मिलता है। यदि कर्मचारी अवकाश नहीं लेते तो वह जुड़ता जाता है। लेकिन 300 दिन होने के बाद यह अवकाश जुड़ता नहीं।
300 दिन के बाद यदि कर्मचारी अवकाश नहीं लेते तो लैप्स हो जाता है। इससे नाराज दो कर्मचारियों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका कर दी थी। उनका कहना था कि 300 दिन अर्जति अवकाश होने के बाद लैप्स करना अवैधानिक है। इस पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 300 दिन से अधिक अर्जति अवकाश होने के बावजूद उसे रिटायरमेंट तक जोड़ने का आदेश सुनाया है। पांच अक्तूबर के इस आदेश से केन्द्र व राज्य कर्मचारी खुश है। अर्जति अवकाश अधिक होने पर वे आपात स्थिति में इस्तेमाल कर सकेंगे।
उपार्जति अवकाश का यह बहुत बढ़िया आदेश है। यद्यपि इसे विभागीय अधिकारियों द्वारा सभी संबंधित आम शिक्षकों को यदि सहजता से प्रदान किया जाए तो तो इस आदेश की 100 प्रतिशत सार्थकता सिद्ध हो पाएगी। शिक्षक भी निर्धारित कार्यावधि के अतिरिक्त कार्य करने में रुचि लेंगे। -आमोद श्रीवास्तव, विधि सलाहकार
अर्जित अवकाश रिटायरमेंट तक जोड़े जाने का पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश ऐतिहासिक है। यह देशभर के केन्द्र व राज्य कर्मचारियों के लिए नजीर है।’ ,- मुश्ताक अहमद, महासचिव को वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी/ लेखा परीक्षा अधिकारी संगठन