अहमदाबाद
बाजार से जुड़ी नई पेंशन योजना (NPS) की वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किए हैं। यह योजना 1 जनवरी, 2004 को या इसके बाद सरकारी सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए है। चीफ जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और जस्टिस वी. एम. पंचोली की खंडपीठ ने 7 अक्तूबर को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई एक महीने के बाद करना तय किया।
याचिकाकर्ता और ISRO के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक प्रणव देसाई ने अपनी याचिका में कहा कि बाजार से जुड़ी नई पेंशन योजना में पेंशन के बजाय केवल अनुइटी और ग्रैच्यूटी का प्रावधान है और कर्मचारी के निधन के बाद उसके परिवार के सदस्यों के लिए इसमें कोई सुरक्षा नहीं है। उन्होंने कहा, 'दूसरी तरफ पुरानी पेंशन योजना अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत, फ्लोर पेंशन, सेवानिवृत्त कर्मचारी के निधन के बाद पारिवारिक पेंशन, चिकित्सा लाभ और मृत्यु पर ग्रैच्यूटी प्रदान करती है।'
याचिकाकर्ता का आरोप है कि NPS को अनिवार्य रूप से लागू करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है।